शिमला, 27 अगस्त : भाजपा के वरिष्ठ नेता और कोऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन खुशीराम बालनाहटा ने कहा है कि हिमाचल कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी चरम पर है। कांग्रेस का हर नेता अपने आप को अध्यक्ष मानता है, और हर नेता अपने आप को मुख्यमंत्री के रूप में देखता है। अभी चुनाव हुए नहीं हैं और कांग्रेस का एक नहीं दर्जनों नेता मुख्यमंत्री बनने के मुंगेरीलाल के सपने देख रहे हैं।
बालनाहटा शनिवार को यहां प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी में गुटबाजी किस कदर हावी है। इसका उदाहरण आपने एक दो दिन पहले देख ही लिया होगा। कांग्रेस को अपनी सात ब्लॉक कार्यकारणी भंग करनी पड़ी हैं। उन्होंने कहा कि जब इलेक्शन का दौर होता है तो पूरी पार्टी एकसाथ चलकर तैयारी करती है, लेकिन कांग्रेस का एक नेता पूर्व की ओर जा रहा है तो दूसरा पश्चिम की ओर। पार्टी के अंदर ही कांग्रेस के नेताओं के अलग-अलग दल बने हुए हैं। मुकेश अग्निहोत्री अलग दिशा में चले हुए हैं तो सुक्खू अलग दिशा में। पार्टी के अंदर कोई तारतम्य नहीं है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भी कांग्रेस का कुनबा बिखर रहा है। कुछ महीने पहले कांग्रेस ने जंबो कार्यकारिणी बनाई। कोई नेता बगावत न करे इसलिए सभी को बड़े-बड़े पद दे दिए गए। इसके बावजूद आपने देखा कि कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और विधायक पवन काजल, विधायक लखविंदर राणा ने पार्टी छोड़ दी। हालात ऐसे हैं कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता और जी-23 के लीडर रहे आनंद शर्मा ने भी संचालन समिति के अध्यक्ष पद को अलविदा कह दिया। अब वो भी खुलेआम बोल रहे हैं कि वो आत्मसम्मान से समझौता नहीं कर सकते।
यह सब साफ दर्शाता है कि कांग्रेस पार्टी के अंदर वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के अंदर एकजुटता कहीं नहीं दिख रही। अपने ही नेता पार्टी पर विश्वास नहीं जता पा रहे हैं। दिल्ली के समान ही हिमाचल में भी कांग्रेस पार्टी मां-बेटे के हाथ की कठपुतली बनकर रह गई है। यह सभी नेता परिवारवाद की राजनीति से परेशान हैं।