शिमला, 26 अगस्त : हिमाचल में एजुकेशन बोर्ड धर्मशाला (Education Board Dharamshala) व शिक्षा विभाग में तालमेल की कमी का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। अहम बात है कि राज्य के विद्यालयों में 20 अगस्त तक दाखिलों की प्रक्रिया चल रही थी। इसी बीच टर्म-1 की परीक्षाओं की डेटशीट जारी हो गई।
6 सितंबर से दसवीं व 12वीं की प्रैक्टिकल कक्षाएं शुरू हो रही हैं। मजेदार बात ये भी है कि स्कूलों में जोनल खेलकूद प्रतियोगिताएं भी चल रही हैं। जिला स्तर पर भी आयोजन होने हैं। शिक्षा विभाग ने खेल कलेंडर पहले जारी किया हुआ था, लेकिन डेटशीट तय करने के लिए कलेंडर का आकलन करने की आवश्यकता महसूस नहीं की गई।
सवाल ये उठता है कि क्या शिक्षा बोर्ड ये चाहता है कि दसवीं व 12वीं के छात्र खेलकूद प्रतियोगिताओं (Sports Competition) में हिस्सा न लें। एक मई से कक्षाएं शुरू हुई थी। 24 जून से 30 जुलाई तक ग्रीष्मकालीन छुट्टियां चली। छुट्टियों के बाद बरसात के कारण पढ़ाई बाधित हुई। राज्य में इस तरह की शिक्षा से प्रश्न ये भी पैदा होता है कि क्या 10वीं व 12वीं की कक्षाओं का पाठ्यक्रम पूरा हो चुका था। नौवीं व 11वीं के टर्म-1 के एग्जाम क्यों नहीं लिए गए।
अगर परीक्षाएं नहीं होनी हैं तो पाठ्यक्रम का स्टेटस क्या है। हैरानी वाली बात ये भी है कि शिक्षक संगठन डीए व एरियर के अलावा छोटी-छोटी मांगों को लेकर धरने के लिए दौड़ पड़ते हैं, लेकिन वो भी छात्रों के भविष्य को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।
विद्यालयों की रबर स्टाम्प एसएमसी कहां है, किसी को कोई पता नहीं है। राज्य सरकार अमृत महोत्सव को मनाने में मस्त है, जबकि विपक्ष गुटबाजी में फंसा हुआ है।