शिमला, 22 अगस्त : शिमला से ताल्लुक रखने वाले मशहूर अभिनेता ‘अनुपम खेर’ ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा है कि कश्मीरी पंडितों के अत्याचार और दर्द को दिखाने वाली फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स‘ को ऑस्कर में भेजने से रोका जा रहा है। बॉलीवुड के कुछ दिग्गज इस फिल्म को ऑस्कर में भेजने के विरोध में हैं।

फिल्म इंडस्ट्री के कुछ दिग्गजों का कहना है कि ये फिल्म ऑस्कर में नहीं जानी चाहिए। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। कश्मीर फाइल्स को भी कुछ लोगों ने बायकॉट करने की कोशिश की, लेकिन यह फिल्म सबसे ज्यादा चली है और लोगों ने इसे बहुत पसंद किया है। अनुपम खेर सोमवार को प्रेस क्लब ऑफ शिमला में “प्रेस से मिलिए” कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्व में भारत से ज्यादा सहिष्णु देश दूसरा नहीं है। जितनी विचारों की आजादी भारत में है, उतनी किसी अन्य देश में नहीं है।
फिल्म लाल सिंह चड्ढा पर अनुपम खेर ने कहा कि अच्छी फिल्म अपना रास्ता खुद ढूंढती है, अगर फिल्म अच्छी होती तो वह फ्लॉप नहीं होती। उन्होंने कहा कि फिल्म को बायकॉट करने का अधिकार लोगों के पास है, इसी को फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन कहते हैं। लोगों को फिल्म अच्छी लगती है या बुरी, ये लोग खुद डिसाइड करते हैं। ऐसे में बायकॉट का जो ट्रेंड चला हुआ है, वह एक तरह से सही है।
वर्ष 2015 में आमिर खान द्वारा असिहष्णुता पर दिए गए बयान पर उन्होंने कहा कि ऐसे बयान किसी भी व्यक्ति को सोच समझ कर देने चाहिए, क्योंकि उनसे पूरा देश जुड़ा होता है। हालांकि उन्होंने कहा कि आमिर खान एक अच्छे इंसान है। मेरे भी पसंदीदा अभिनेताओं में से एक है आमिर खान वो बहुत अच्छे अभिनेता है।
अनुपम खेर ने साझा की शिमला से जुड़ी पुरानी यादें, बोले…बॉयकॉट से फ्लॉप नहीं होती फिल्मे
वहीं बॉलीवुड में अवार्ड वापसी को लेकर चले एक मुहिम को लेकर पूछे गए सवाल में अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि पिछले सात साल में यह अवार्ड वापसी गैंग फ्लॉप हो गई है। देश के लोगों को ऐसे लोगों से कोई लेना देना नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद काफी सुधार आया है। अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि वह शिमला में एक एक्टिंग स्कूल शुरू करना चाहते है। ऐसे में यहां के स्थानीय लोगों की मदद करें। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने अपने पुराने दिनों को भी याद किया और शिमला से जुड़ी सुनहरी यादों को पत्रकारों से साझा किया।