नाहन, 20 अगस्त: छात्र राजनीति के दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (National President JP Nadda) शिमला से नाहन तक हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) की बस में हिचकोले खाते आया करते थे। विपिन व देवेंद्र अग्रवाल उन्हें बस स्टॉप पर लेेने आया करते थे। चौगान मैदान (Chowgan Ground Nahan) में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के संबोधन के दौरान हर कोई उस समय अचंभित हुआ, जब नड्डा ने ये पूछा कि क्या शिमला से शाम को चलने वाली बस अब भी चलती है।
गौरतलब है कि ये बस आज भी शिमला से नाहन आती है। बदलाव ये हुआ है कि इसका रूट पांवटा साहिब तक कर दिया गया है। नड्डा के संबोधन में कई खास बातें थी। सबसे बड़ी बात ये थी कि समूचे देश में पार्टी के संगठन की जिम्मेदारी संभालने वाले नड्डा को जीवन में नाहन शहर से जुड़ी हरेक बात याद थी। इतिहास के बारे में भी खासा ज्ञान रखते हैं।
शायद, पंडाल में बैठे लोग नहीं जानते होंगे, लेकिन नड्डा ने संबोधन में इस बात का जिक्र किया कि पांवटा साहिब की धरती से पहले गुरु गोविंद सिंह जी (Guru Govind Singh) नाहन आए थे। भगवान परशुराम (Lord Parshuram) का भी संबोधन में जिक्र किया। चूड़धार चोटी (Churdhar Peak) का भी संबोधन करना नहीं भूले।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने संबोधन में ये भी कहा कि नाहन पहुंचने पर देवेंद्र चाट वाले उन्हें खाना खिलाया करते थे। वरिष्ठ पत्रकार एसपी जैरथ के बारे में कहा कि वो ट्रिब्यून में खबर प्रकाशित करते थे, उस जमाने में दो पंक्तियों की खबर के बहुत बड़े मायने हुआ करते थे। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष की वो बात हर किसी को दिल पर छू गई, जब उन्होंने कहा कि पंडाल में मौजूद कई लोगों से वो नाहन के लिए पुराने हैं।
नड्डा ने कहा कि नाहन शहर से रिश्ता गहरा है। उन्होंने कहा कि इसी मैदान में आकर अक्सर बैठा करते थे, आज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाते आने पर एक अलग ही अहसास है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए नाहन मेडिकल काॅलेज (Medical College Nahan) को मंजूरी दी गई थी। करीब 300 करोड़ का बजट केंद्र सरकार ने दिया था, खुशी है कि आज उस मेडिकल काॅलेज को भी देखने जा रहा हूं। साथ ही शिमला सड़क मार्ग से जाना है तो उस सड़क को भी देखने का मौका मिलेगा, जिस पर वो बस में सफर कर नाहन आया करते थे।
दीगर है कि केंद्रीय मंत्री रहते हुए जेपी नड्डा नाहन आए थे, लेकिन जनसभा नहीं हुई थी। इस बार मौका मिलने पर नड्डा ने छात्र राजनीति से जुड़ी यादों को बखूबी ताजा किया।
नड्डा ने कहा कि वो बैठे-बैठे सोच रहे थे कि 15 अप्रैल 1948 को जब हिमाचल का गठन हुआ तो उस समय सिरमौर का गठन इसी चौगान मैदान में हुआ था। नड्डा ने कहा कि कई लोग उन्हें पहली बार देख रहे होंगे, लेकिन वो बताना चाहते हैं कि वो नाहन के लिए नए नहीं हैं। नड्डा ने कहा कि वो दावा कर सकते हैं कि पंडाल में कई लोग ऐसे बैठे होंगे, नाहन के लिए जिनसे पुराने वो हैं।
नड्डा ने कहा कि जो बस शिमला से नाहन के लिए आया करती थी वो ठकड़-ठकड़ कर चलती थी। उन्होंने कहा कि सुबह तैयार होकर पहले संस्कृत काॅलेज, आईटीआई और फिर डिग्री काॅलेज जाया करते थे। इसके बाद शाम को चौगान मैदान में पहुंचा करते थे। फिर देवेंद्र जी के पास जाया करते थे, वो कहते थे चाट खा लो। मैं कहता था, भूख लगी है खाना खिला दो।
उन्होंने कहा कि वो आज देवेंद्र जी से मिले। नड्डा ने कहा कि वो पुरानी बातें इसलिए कर रहे हैं कि नाहन आने का मौका मिले और वो शहर की बात न करें। कौशिक परिवार से पुराना नाता होने की बात भी कही। नड्डा ने कहा कि तीन-चार पीढ़ियों के संघर्ष के बाद हम आज यहां पहुंचे हैं।