शिमला, 11 अगस्त : हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन आज नियम 278 के तहत विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पक्ष व विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई। विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार जाने वाली है यह जनता का विश्वास खो चुकी है। सरकार कर्ज की सीमा बढ़ाने जा रही है। महंगाई बेरोजगारी से जनता परेशान हो गई है।
महिला सुरक्षा की बात करने वाली इस सरकार के कार्यकाल में 1574 रेप व 354 मर्डर हुए है। पुलिस भर्ती का मामला सीबीआई को देने के बावजूद इसकी जांच एसआईटी से कराई गई। उन्होंने कहा कि यह पर्चा लीक नहीं नीलाम हुआ है। 6 से 8 लाख में यह पेपर बिका यह पैसा कहां गया। यह पैसा किसने इकट्ठा किया है।
पेपर बेचने वाले 200 के करीब लोग गिरफ्तार हुए, लेकिन जो पैसा पेपर बेच कर इकट्ठा हुआ वह कहां है। इसकी जांच कौन करेगा। इस सरकार में हर जगह पेपर लीक हुए है। इस सरकार ने मेरिट का गला घोंट दिया है। चोर दरवाज़े से भर्तियां की गई कार्यकर्ताओं को भर्ती किया जा रहा है। मुख्य सचिव को रात के अंधरे में हटा दिया गया। 200 करोड़ की सम्पतियां नीलाम कर दी गई। हिमाचल की बिक्री की जा रही है।
वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पेपर लीक का मामला जैसे ही उनके संज्ञान में आया तुरंत जांच के आदेश दिए गए। 204 आरोपी आज सलाखों के पीछे है। 2016 में कांग्रेस सरकार में पेपर लीक हुआ कांग्रेस ने तब पेपर रद्द क्यों नहीं किया। उनकी सरकार में 2019 में हुए पेपर लीक के बाद लिखित परीक्षा रद्द की गई।
सीएम ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव विपक्ष पर ही भारी पड़ गया है। कर्ज को लेकर विपक्ष झूठे आंकड़े पेश कर रहें हैं। सरकार ने कर्ज कि लिमिट से कम कर्ज लिया है। सरकार ने कर्मचारियों की सभी मांगों को पूरा करने का प्रयास किया है। एनपीएस ज़ब लागू हुआ तो कांग्रेस की सरकार थी देश में सबसे पहले प्रदेश को उनकी सरकार ने ही इस पर साइन किए आज बेवजह इसे तूल दिया जा रहा है।