बिलासपुर , 04 अगस्त : हिमाचल प्रदेश में अब गौवंश को लावारिसों की तरह सड़क पर छोड़ना पशु मालिकों को महंगा पड़ेगा। जो भी पशु मालिक पशुओं को सड़कों पर छोड़ेगा उनके खिलाफ गौ सेवा आयोग सख्त कार्रवाई करेगा। इसमें 05 हजार रुपये जुर्माना व 06 माह की सजा होगी। जल्द ही प्रदेश में इसको लेकर कानून लागू किया जाएग।
यह बात की जानकारी हिमाचल प्रदेश गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने दी है। पिछले महीने सोलन जिला के नालागढ़ में तीन पशु मालिकों के खिलाफ पशु क्रूरता एक्ट में केस दर्ज किया गया है, जिन्होंने अपने पशुओं के कान में लगे रजिस्टर्ड टोकन को हटाने के लिए उनका कान ही काट दिया था। साथ ही उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में 223 गौशालाएं चल रही हैं। जिसमें 21 हजार गौवंश को रखा गया है और आने वाले समय में और भी गौशालाएं बनाई जा रही है ताकि सड़कों पर घूम रहे गौवंश को रखने की उचित व्यवस्था हो सके।
इसके साथ ही प्रदेश में 09 गौ सेंचुरी में से 06 गौ सेंचुरी शुरू की जा चुकी है, जबकि 03 गौ सेंचुरीज का निर्माण कार्य जल्द पूरा कर शुरू कर दिया जाएगा। वहीं अशोक शर्मा ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा गौशाला संचालक को प्रति गऊ 500 रुपए से बढ़ाकर 700 रुपए कर दिया गया है, ताकि गौशाला संचालकों की आर्थिकी मजबूत हो सके। उन्होंने अगले 02 महीने के भीतर बिलासपुर जिला को बेसहारा गौवंश से मुक्त कर गौशालाओं में उन्हें रखने की उचित व्यवस्था करने की बात कही ताकि दुर्घटनाओं का सबब बन रहे इन बेसहारा पशुओं को सुरक्षित रखा जा सके।
गौरतलब है कि हिमाचल गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने बिलासपुर जिला में बने विभिन्न गौशालाओं के संचालकों, आयोग के पदाधिकारियों व पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर गौशालाओं की वर्तमान स्थिति का जायजा लिया और बेसहारा गौवंश की उचित व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए।