रिकांगपिओ, 02 अगस्त : प्रदेश में सेब छिड़काव की दवाई, खाद व कार्टन के बढ़ते दाम पर बागवानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मगर भाजपा सरकार आंख मुद कर बैठी है। प्रदेश कांग्रेस सचिव एवं ठियोग प्रभारी सत्यजीत नेगी ने रिकांगपिओ में पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सेब के बागवानों के लिए अलग से पैकेज देंगे, लेकिन आज उल्टा खाद, दवाई, व कार्टन के दाम में बढ़ोत्तरी हुई है, जिस से बागवान परेशान है।
नेगी ने कहा कि प्रदेश में 55 सौ करोड़ रुपए का सेब का कारोबार होता है, जिससे 10 लाख परिवार सेब पर निर्भर है व हज़ारों लोग इस व्यवसाय से जुड़े है। यही नहीं प्रदेश के हज़ारों लोगों को सेब के कारोबार से रोजगार मिलता है। इसी तरह प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से भी कई लोग इस व्यवसाय से जुड़े है। आज किसान, बागवान के बढ़ते दाम से बागीचे में लागत लगातार बढ़ रही है, जबकि किसानों का आय कम हो गया है।
नेगी ने कहा कि सरकार हिमाचल में भी कश्मीर की तर्ज पर मंडी मध्यस्थता योजना लागू कर समर्थन मूल्य निर्धारित करें और कार्टन, ट्रे के बढ़ते मूल्य में कटौती की जाए। गत वर्ष सेब कार्टन के दाम 60 रुपये थे, जो आज 74 रुपए हो गए है। इसी तरह 600 का मिलने वाला ट्रे 800 रुपए से अधिक दाम पर मिल रहा है।
हर वर्ष दाम बढ़ने से बागवान व किसान परेशान है। सरकार का दायित्व है कि बढ़ते दाम पर लगाम कसे व दाम नियंत्रण में हो, लेकिन सरकार गहरी निंद्रा में है। उन्होंने कहा कि बागवानी मंत्री को सेब बहुल इलाके से कोई लेना देना नहीं है। प्रदेश में 14सौ करोड़ की बागवानी परियोजना आई थी, जिसका बंदर बांट किया गया।
उन्होंने कहा कि सरकार अदानी के सेब के दाम तह करने पर निगरानी रखे व दखल दे। ताकि बागवानों को सही कीमत मिल सके। अदानी के सेब के दाम निर्धारण को लेकर इससे पूर्व भी उन्हें सचेत किया जा चुका है। नेगी ने कहा कि 5 अगस्त को बागवानों के नेतृत्व में एक संयुक्त संघर्ष शिमला में किया जाएगा। जिस दौरान बागवान सचिवालय का घेराव किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से बागवानों की मांगों पर समय पर हल नहीं निकाला गया तो बागवानों के आंदोलन को और तेज किया जाएगा। इस अवसर पर पूर्व जिप सदस्य सूरज बंसी पंचारस, कृषि व बागवानी संघ किन्नौऱ अध्यक्ष समत बहादुर नेगी एवं ठाकुर बिष्ट उपस्थित थे।