शिमला, 25 जुलाई : कोटखाई के हलाईला में बाबा शिव नारायण पुरी की अपहरण के बाद हत्या करने के मामले को पुलिस ने सुलझा दिया है। 15 साल से बाबा के साथ रहने वाले शिष्य रविंद्र ने ही ये खौफनाक साजिश रची थी। पैसों के लालच में उसने अन्य दो व्यक्तियों के साथ मिलकर इस खौफनाक अपराध को अंजाम दिया।
बाबा के बैंक खातों से 10 लाख रुपए निकाले गए हैं। पुलिस ने शिष्य संग अन्य अभियुक्तों को गिरफ्तार कर 6 लाख कैश बरामद कर लिया है। वारदात में मुख्य आरोपी व मृतक बाबा के शिष्य की पहचान 40 वर्षीय रविंद्र उर्फ स्वामी आत्मानंद गिरी के रूप में हुई है,वो हरियाणा के पंचकूला का रहने वाला है। पुलिस ने उसे उत्तर प्रदेश के बरेली से गिरफ्तार किया है। यह ब्लाइंड मर्डर था, जिसे पूरी तरह सुलझाने में शिमला पुलिस की विशेष टीम को डेढ़ महीने का समय लगा।
मामले के अनुसार 6 जून को आश्रम की तरफ से बाबा के लापता होने की शिकायत दर्ज करवाई गई थी। 11 जून को इस मामले में अपहरण का मामला दर्ज किया गया। 27 जून को पुलिस ने शिमला व सिरमौर जिला की सीमा पर राजगढ़ उपमंडल में जंगल से शव को बरामद किया था। एटीएम निकासी और सीसीटीवी फुटेज से मिली लीड से पुलिस आरोपियों तक पहुंची। पुलिस ने किडनैपिंग व हत्या करने के मामले में कुल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। वहीं आरोपियों ने कबूला है कि पहले उन्होंने अपहरण किया और बाद में गाड़ी में गला दबाकर हत्या की।
पुलिस ने इस मामले में 25 जून को पहली गिरफ्तारी की थी। गिरफ्तार आरोपी धर्मेंद्र सिंह नबीनगर के मिसिर बिगहा गांव का रहने वाला है। पूछताछ के आधार पर पुलिस ने 2 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया। भूपेंद्र नाम का आरोपी बोधगया का रहने वाला है। इसे पुलिस ने 18 जुलाई को तिरुवनंतपुरम तमिलनाडु से गिरफ्तार किया। वो बिहार से भागकर वहां छुपा हुआ था। जबकि, मुख्य आरोपी रविंद्र उर्फ स्वामी आत्मानंद गिरी को बरेली से 20 जुलाई को गिरफ्तार किया है। अपहरण के लिए इस्तेमाल की गई गाड़ी को चंडीगढ़ से पुलिस ने रिकवर कर लिया गया है।
पुलिस के अनुसार आरोपियों ने पहले बाबा का अपहरण किया और हत्या के बाद शव को फेंका और फरार हो गए। वहीं आरोपियों ने बाबा के एटीएम को लिया। उसका पासवर्ड पता कर दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश के एटीएम से आरोपियों ने पैसे निकाले। जिसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों की पहचान की।
शिमला की एसपी डॉ. मोनिका भटुंगरू ने सोमवार को प्रेस वार्ता में बताया कि इस मामले की जांच के लिए इंस्पेक्टर मनोज कुमार और सब इंस्पेक्टर मदन के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम का गठन किया गया था। विशेष जांच टीम मुख्य अभियुक्त सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। अभियुक्तों के कब्जे से मृतक की कार और छह लाख रुपये बरामद कर लिए गए हैं।