हमीरपुर, 24 जुलाई : राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला महारल में स्कूल प्रशासन द्वारा खरीदे गए सामान को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप के बाद जांच तेज हो गई है। बता दें कि स्कूल के ही एक अध्यापक ने मीडिया के सामने सामान खरीद में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे l
इसके बाद तत्कालीन स्कूल प्रिंसिपल पर सस्पेंशन की गाज भी गिर चुकी है। इसी सिलसिले में अब डिप्टी डायरेक्टर हायर द्वारा स्कूल का निरीक्षण किया गया था। मामले से संबंधित तमाम दस्तावेज खंगाले गए हैं। गौरतलब है कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल महारल को स्वर्ण जयंती उत्कृष्ट श्रेणी का दर्जा मिला है। इसके तहत सरकार द्वारा स्कूल को 44 लाख के करीब बजट स्वीकृत किया गया था। इस बजट से स्कूल में खरीदी गई खेल सामग्री से लेकर सांस्कृतिक प्रोग्रामों, लैबों से संबंधित सामग्री की खरीद पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे।
आरोपों के बाद उस समय स्कूल प्रधानाचार्य द्वारा कहा गया था कि स्वर्ण जयंती उत्कृष्ट स्कूल घोषित होने के बाद जो राशि स्कूल को मिली है, उसे सरकार द्वारा तय की गई नियमावली के अनुसार खर्च किया गया है। जो भी व्यक्ति खर्च की गई राशि को लेकर आरोप लगा रहा है। उसके द्वारा मुझे बेवजह बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन स्कूल में पहुंचकर इस मामले से संबंधित दस्तावेज तत्कालीन शिक्षा उप निदेशक दिलजीत चंद्र व उनकी टीम द्वारा खंगाले गए तो गड़बड़ियां पाई गई। उसके बाद स्कूल प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया था।
एक बार फिर से मौजूदा शिक्षा उप निदेशक ने स्कूल पहुंचकर सामान खरीद में हुई अनियमितताओं की जांच की है, जिससे कि सारे मामले का पटाक्षेप जल्द हो सकता है। डिप्टी डायरेक्टर हायर विश्वम्भर दास शर्मा का कहना है कि सामान खरीद में हुई गड़बड़ियों की जांच जारी है। इसी सिलसिले में महारल स्कूल की विजिट की गई है। पूरे मामले का पटाक्षेप होने में अभी कुछ समय लग सकता है।