रिकांगपिओ, 21 जुलाई : मंगलवार को जिला के लियो व चुलिंग में बादल फटने से कई ग्रामीणों के रिहायशी मकानों सहित सेब के बगीचों को बारी नुकसान पहुंचा है। बाढ़ की घटना के बाद से ही ग्रामीण एक दूसरे की मदद करने में जुटे है। मंगलवार की घटना के दौरान लियो गांव में बाढ़ का मलबा इतना अधिक है कि लोग दलदल को आसानी से पार नही कर पा रहे है। बावजूद इसके ग्रामीण किसी न किसी तरह एक दूसरे की मदद में लगे हुए।
अक्सर कम बारिश वाले ऐसे क्षेत्रों में मंगलवार को मैदानी क्षेत्रों की तरह तेज बारिश को देख ग्रामीण अब भी दहशत में है। बता दें कि मंगलवार की इस घटना से लियो निवासी प्यारे लाल, लीला देवी, कपूर, गोपाल सिंह, चन्द्र सिंह, बाबू राम, तिरकल आदि ग्रामीणों के मकान बाढ़ से असुरक्षित हो गए है।
गांव में स्थापित बौद्ध मठ को भी बाढ़ से खतरा हो गया है। इसी तरह बाढ़ का मलवा टाशी राम, बाबू राम, लाल सिंह, सोनम रिंगचेंन, चंद्र लाल, सुशील कुमार, बलबीर, गार्मो, उरगेन, पनमा, दारा सिंह, रिंग्जिन, टाशी, कपूर, नारायण सिंह, राकेश, विमला देवी, पनमा दोर्जे, धर्म देव, राम सिंह, गोटिब छेरिंग, सतीश कुमार आदि कई ग्रामीणों से सेब बगीचों में भी एक मीटर से भी अधिक बाढ़ का मलबा जमा है।
लियो गांव के ग्रामीण घटना के दिन अपने खेतों में काम करने के लिए सुबह ही हांगो चले गए थे। शाम को वापिस लौटने से पहले लियो व चुलिंग में बादल फटने से सभी लोग हांगो में ही फंस गए। बुधवार सुबह सभी लोग पैदल लियो पहुंचे। बाढ़ के मंजर से सेब व मटर के नुकसान को देख खुद को रोक नही पाए। लियो सम्पर्क सड़क मार्ग भी कई स्थान पर अवरुद्ध पड़ा है जिसे खोलने का कार्य जारी है।
लियो पंचायत प्रधान नामग्याल कुमार ने सरकार व प्रशासन से अपील की है कि आपदा की इस घड़ी में प्रभावितों को हर सम्भव सहायता प्रदान करे। चुलिंग में भी बादल फटने से चुलिंग निवासी अशोक कुमार, गोपाल सिंह, जिनवा राम आदि कई ग्रामीणों के सेब बगीचों को काफी नुकसान हुआ है।