नाहन, 18 जुलाई : भारतीय पुनर्वास परिषद (Rehabilitation Council of India) द्वारा संचालित दो वर्षीय डिप्लोमा इन एजुकेशन कोर्स की फीस में इस साल कटौती की गई है। कोर्स की फीस 80 हजार रुपए से घटकर 60 हजार रुपए हुई है। यानि एक छात्र को स्पेशल एजुकेटर (Special Educator) के साथ-साथ जेबीटी का डिप्लोमा हासिल करने के लिए प्रतिमाह 2500 रुपए का शुल्क अदा करना होगा।
आस्था स्पेशल स्कूल ऑफ़ एजुकेशन में 35 सीटें उपलब्ध हैं। खास बात ये है कि विद्यालय में विशेष आवश्यकता वाले बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं। लिहाजा, कोर्स में दाखिला लेने वाले छात्रों को इन बच्चों से रोजाना रूबरू होने का अवसर भी उपलब्ध होता है। स्पेशल एजुकेटर की नियुक्ति विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए ही होती हैं।
डिप्लोमा हासिल करने के बाद जेबीटी की पात्रता अलग से बन जाती है। स्कूल के प्रधानाचार्य कर्म सिंह की मानें तो हिमाचल प्रदेश में विशेष शिक्षकों के 1500 पद भरे जाने हैं। ये कोर्स भी चुनिंदा संस्थानों में ही उपलब्ध है।
बता दें कि उच्च न्यायालय द्वारा तमाम राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को हरेक स्कूल में एक नियमित स्पेशल एजुकेटर नियुक्त करने के आदेश दिए गए थे। सीबीएसई (CBSE) से मान्यता प्राप्त स्कूलों में स्पेशल एजुकेटर की नियुक्ति पहले से ही अनिवार्य है।
स्कूल के प्रधानाचार्य के मुताबिक ऑनलाइन पंजीकरण की अंतिम तिथि 21 जुलाई निर्धारित हुई है। इस तिथि के बाद पंजीकरण नहीं होगा। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन आवेदन कोर्स में दाखिले की गारंटी नहीं है, क्योंकि मैरिट के आधार पर दाखिला मिलता है। इसके लिए भारतीय पुनर्वास परिषद द्वारा शेड्यूल को जारी किया जा चुका है।
उल्लेखनीय है कि स्थानीय छात्रों द्वारा इस कोर्स को नजरअंदाज किया जाता रहा है, जबकि राजस्थान से स्टूडेंट्स इस कोर्स को करने नाहन आते रहे हैं। स्कूल प्रबंधन का कहना है कि कार्यालय द्वारा छात्रों को ऑनलाइन आवेदन करने में भी मदद की जा रही है।
दीगर है कि आस्था स्पेशल स्कूल ऑफ़ एजुकेशन (Aastha Specail School of Education) के करीब 20 स्टूडेंट्स को सरकारी व निजी क्षेत्र में नौकरी हासिल हो चुकी है। स्कूल द्वारा हाल ही में इन छात्रों की सूची भी जारी की गई थी। दाखिले से जुड़ी जानकारी के लिए मोबाइल नंबर 9805920934, 7650084779, 959216461 के अलावा 01702-223947 पर संपर्क किया जा सकता है।