शिमला, 14 जुलाई : हिमाचल प्रदेश की अफसरशाही में एक नया घटनाक्रम हुआ है। सूबे के मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वीरवार को राज्य सचिवालय में आयोजित कैबिनेट बैठक के बाद राम सुभग सिंह ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया।
वहीं, देर शाम प्रदेश सरकार ने आरडी धीमान को प्रदेश के नए मुख्य सचिव लगाने की अधिसूचना जारी कर दी। आरडी धीमान प्रदेश के 43वें मुख्य सचिव बने हैं। वह 1988 बैच के आईएएस हैं और इससे पहले एचपीएसबी के चेयरमैन के साथ अतिरिक्त मुख्य सचिव (एमपीपी & पावर, एनसीएस, इंडस्ट्री, लेबर & एम्प्लॉयमेंट) का जिम्मा संभाल रहे थे। अब प्रदेश सरकार ने उन्हें राज्य का नया मुख्य सचिव नियुक्त कर दिया है। आरडी धीमान मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के पसंदीदा अफसरों में शामिल हैं। इसी साल दिसंबर में वह सेवानिवृत्त होंगे।
अहम बात यह है कि राज्य सरकार के पांच साल के कार्यकाल में सातवां मुख्य सचिव लगाया गया है। अब तक छह मुख्य सचिव रह चुके हैं और इनमें से तीन अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए हैं। जयराम सरकार जब सत्ता में आई थी, तो कांग्रेस के समय के मुख्य सचिव वीसी फारका थे। सत्ता बदली थी, इसलिए मुख्य सचिव को बदलना ही था और सरकार ने उन्हें एडवाइजर लगा दिया। यानी वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। फिर विनीत चौधरी आए, जिन्हें पहले फारका की नियुक्ति के कारण सुपरसीड कर दिया गया था।
विनीत चौधरी ने अपना कार्यकाल पूरा किया। उसके बाद बीके अग्रवाल को इस शीर्ष पद पर आने का मौका मिला, लेकिन वह बीच में ही दिल्ली चले गए और इसके पीछे स्वास्थ्य कारण बताए गए। वह भी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। फिर डा. श्रीकांत बाल्दी मुख्य सचिव बने और वह अपना कार्यकाल पूरा कर अब रेरा के चेयरमैन हैं। इसके बाद अनिल खाची मुख्य सचिव बने और इन्हें भी बीच में ही बदल दिया गया। अब राम सुभग सिंह मुख्य सचिव के पद पर एक साल भी पूरा नहीं कर पाए हैं।
दरअसल राम सुभग सिंह ने मुख्य सूचना आयुक्त के पद के लिए आवेदन किया है और उनकी यहां नियुक्ति तय मानी जा रही है। मुख्य सूचना आयुक्त का पद बीते 30 जून से रिक्त चल रहा है।