शिमला, 15 जुलाई : लाल सोना के दाम में भारी गिरावट आने से किसानों को दो जून की रोटी की चिंता सताने लगी है। बता दें कि सोलन की तर्ज पर जुन्गा क्षेत्र की नौ पंचायतों में टमाटर, शिमला मिर्च, मटर, गोभी और फ्रासबीन की खेती की जाती है। इन पंचायतों में उत्पादित सब्जियों को सोलन व देश की अन्य मंडियों में भेजा जाता है।
गौर रहे कि प्रदेश की सबसे बड़ी सब्जी मंडी सोलन में वीरवार को हिमसोना की करेट तीन सौ रूपये और हाईब्रिड केवल डेढ़ सौ से दो सौ रूपये करेट बिकी। जिससे किसानों का टमाटर उत्पादन पर आने वाला खर्च भी पूरा नहीं हो पा रहा है। इसकी पुष्टि एपीएमसी सचिव सोलन रविन्द्र शर्मा ने की है।
हालांकि बीते सप्ताह सोलन, पानीपत और आजादपुर दिल्ली में 22 किलोग्राम टमाटर की करेट 1100 से 15 सौ रुपये बिकी थी। जिससे किसानों द्वारा अगेती लगाए टमाटर के अच्छे दाम मिले थे। आढ़तियों के अनुसार बेंगलुरु का टमाटर की मंडियों में आवक आने से टमाटर के दामों में कटौती हुई है। किसानों को उम्मीद है कि टमाटर की पछेती फसल आने पर अच्छे दाम मिलने की संभावना है।
कृषि विभाग के अनुसार शिमला जिला के विकासखंड मशोबरा, बसंतपुर, टूटू और चौपाल के नेरवा में टमाटर, शिमला मिर्च, मटर और फ्रांसबीन का काफी उत्पादन किया जाता है। टमाटर व शिमला मिर्च किसानों की मुख्य आय का साधन बन चुका है। क्षेत्र के ट्रांस्पोर्टर प्रदीप ब्रागटा का कहना है कि शुरुआती दौर में टमाटर 850 से 1100 रुपए प्रति करेट बिका जिससे किसानों को काफी लाभ मिल रहा था।
बता दें कि बीते वर्ष भी किसानों का टमाटर 150 से 400 रुपए प्रति करेट बिका था। जिससे किसानों का कीटनाशक दवाईयों व मजदूरी का खर्चा भी नहीं मिल पाया था। किसानों द्वारा कम दाम मिलने पर पिछला टमाटर लगाना शुरू कर दिया है। प्रगतिशील किसान प्रीतम ठाकुर का कहना है कि बीते वर्ष की तरह इस वर्ष भी टमाटर के दामों में कटौती होने से किसानों को दो जून की रोटी के भी लाले जाएंगे।