सोलन, 12 जुलाई : हिमाचल प्रदेश स्टेट विजिलेंस एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक ठेकेदार व सोलन नगर परिषद (मौजूद में नगर निगम) के कर्मचारियों के खिलाफ मिलीभगत कर सरकारी खजाने को नुकसान व नियमों की अवहेलना पर आईपीसी की धारा 420, 465, 468, 471 व 120 बी के अलावा एचपीपीएससी (THE HIMACHAL PRADESH PREVENTION OF SPECIFIC CORRUPT PRACTICES) एक्ट 1983 की धारा 6,8 व 9 के तहत आपराधिक मामला दर्ज किया है।
विजिलेंस ने प्रारंभिक जांच में पाया कि नगर परिषद सोलन ने सरकारी धन का दुरुपयोग किया है। मामला दर्ज करने से पहले विजिलेंस ने नगर परिषद के रिकॉर्ड को कब्जे में लिया, साथ ही गवाहों के बयान भी कलमबद्ध किए गए। आरोप के मुताबिक 2019 में नगर परिषद ने दुर्गा क्लब सोलन के समीप पार्किंग के निर्माण का ठेका बगैर टेंडर की प्रक्रिया के ठेकेदार वीरेंद्र ठाकुर को दे दिया। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद नगर परिषद ने तीन महीने बाद टेंडर प्रक्रिया को खानापूर्ति के लिए पूरा किया। चूंकि टेंडर राशि अधिक थी, लिहाजा शातिर तरीके से इस कार्य को तीन हिस्सों में विभाजित कर दिया गया गया ताकि टेंडर प्रक्रिया को नजरअंदाज किया जा सके।
हालांकि इस तरह के आरोप कई अन्य विकास कार्यों में भी लगते रहते हैं, लेकिन इस बार विजिलेंस ने मामला दर्ज किया है। नियमों के मुताबिक बजट कम होने की स्थिति में टेंडर प्रक्रिया नहीं होती, सीधे कार्य को अवार्ड कर दिया जाता है। इस कार्य में कथित तौर पर जानबूझकर ठेकेदार को लाभ पहुंचाने के मकसद से कार्य को तीन हिस्सों में बांट दिया गया। जांच में पाया गया कि ठेकेदार ने मिलीभगत से सरकार के खजाने को 82,093₹ का चूना लगाया है। स्टेट विजिलेंस एंटी करप्शन ब्यूरो की एसपी अंजुम आरा ने पुष्टि करते हुए कहा कि जांच जारी है।