शिमला, 12 जुलाई : चंद सप्ताह पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दो एसोसिएट विधायकों को पार्टी की सदस्यता दिलवाने में सफलता अर्जित की थी। इससे पार्टी के भीतर मनमुटाव बढ़ने की भी आशंका बनी हुई है, क्योंकि इसमें से एक विधायक ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Union Minister Anurag Thakur) के ससुर को हराया था, तो दूसरे ने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री के सिपाहसालार को मात देने में सफलता पाई थी।
ताजा घटनाक्रम में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष पूर्व मंत्री खीमी राम ने मंगलवार को कांग्रेस का दामन थाम लिया है। वह दो बार विधायक रहे चुके हैं। हालांकि कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के बाद खीमी राम शर्मा ने सीधे तौर पर भाजपा पर हमला नहीं किया, बल्कि इसके विपरीत शालीनता से बयान दिया। केवल इतना कहा कि पिछले 5 सालों से कांग्रेस में जाने का मन था। लेकिन ऐसा भी माना जा रहा है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में टिकट कटने के बाद वह नाराज चल रहे थे।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में पार्टी के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला की मौजूदगी में बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष ने कांग्रेस का दामन थामा है। इस दौरान उनके साथ हिमाचल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुधीर शर्मा के मौजूद होने की खबर भी आई है। सोमवार से ही खीमी राम के कांग्रेस में जाने की अटकलें चल रही थी। 1999 में राजनीति में प्रवेश करने वाले खीमी राम ने पत्रकारों के सवाल पर जवाब दिया कि हर एक प्रदेश का मुखिया अपनी सरकार के दोबारा काबिज होने की बात करता है, लेकिन देख लेना कि हिमाचल में कांग्रेस प्रचंड बहुमत से लौटेगी।
उल्लेखनीय है कि पूर्व मंत्री खीमी राम 2009 में हिमाचल प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष बनाए गए थे। वह पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के काफी करीबी माने जाते रहे हैं 2012 में चुनाव हार गए थे।