शिमला, 08 जुलाई : जिला परिषद कैडर कर्मचारी व अधिकारी महासंघ ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सूबे में पिछले कई दिनों से चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल वापिस ले ली है। शुक्रवार को शिमला में ग्रामीण विकास विभाग के निदेशक के साथ बैठक में आश्वासन मिलने पर महासंघ के प्रतिनिधियों ने हड़ताल वापिस लेने का निर्णय लिया। जिला परिषद कर्मचारी व अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष खूबेराम ने हड़ताल समाप्त करने की पुष्टि की है।
जिला परिषद कैडर में कार्यरत करीब 4700 कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से पंचायतों में विकास कार्य प्रभावित हो रहे थे। दरअसल पंचायत सचिव से लेकर तकनीकी सहायक, कनिष्ठ अभियंता, सहायक अभियुता, डिजाइन अभियंता, डाटा एंटरी आपरेटर इत्यादि इस हड़ताल में शामिल हैं। ये सभी कर्मचारी पिछले कई वर्षों से जिला परिषद कैडर में ग्रांट इन एड पर काम कर रहे थे। इनकी मुख्य मांग इन्हें विभाग में विलय करने की है।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में जिला परिषद कैडर को 73वें संशोधन के बाद अस्तित्व में आया है। इस कैडर के 90 प्रतिशत कर्मचारी पंचायतों में काम करते हैं। इन कर्मचारियों को राज्य वित्त आयोग की ओर से वेतन प्रदान किया जाता हैं। वहीं विभाग 10 प्रतिशत स्टाफ जो पंचायतीराज विभाग में शामिल हैं, उन्हें पंचायती सरकार की ओर से वेतन प्रदान किया जाता हैं।
जिला परिषद कैडर के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण प्रदेश की ज्यादात्तर पंचायतों में काम बुरी तरह से प्रभावित हो गए है। ग्राम सभाओं के आयोजना के अलावा अन्य परिवार रजिस्ट्रर में नाम दर्ज करवाना, परिवार विभाजन, परिवार नकल, बीपीएल प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र व विवाह प्रमाण पत्र बनाने का काम नहीं हो पा रहा है। इससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।