शिमला, 05 जुलाई : हिमाचल लोक जागृति मंच किन्नौर ने शिमला में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान “No means No” मुहिम के आह्वान को दोहराया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार किन्नौर में लोगों के जनजीवन व जलवायु पर हाइड्रो प्रोजेक्ट (Hydro Project) के प्रभाव पड़ रहे हैं। अब किन्नौर के लोग जागरूक व एकजुट हो चुके हैं और अब वह किन्नौर में कोई भी नए हाइड्रो प्रोजेक्ट नहीं लगने देगे।
पत्रकार वार्ता मे प्रभावित एरिया के निवासी व समाजसेवी भगत सिंह ने बताया कि सरकार विश्व बैंक (World Bank) से सहयोग प्राप्त कर लगातार किन्नौर में हाइड्रो प्रोजेक्ट स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार चाहे किसी की भी हो शिमला में बैठकर सभी राजनेता हिमाचल को बिजली राज्य बनाने पर तुले हैं। इसके लिए अधिकतम प्रोजेक्ट किन्नौर में ही स्थापित होते हैं।
सर्वाधिक बिजली किन्नौर में ही बनती है और अभी तक 3000 मेगावाट बिजली उत्पादन किन्नौर के जिम्मे है। उन्होंने बताया कि ऊर्जा निदेशालय ने 26 नई परियोजनों के टेंडर जारी किये है, जिसमें 7 परियोजनाएं किन्नौर में हैं। ऐसे में किन्नौर में अब लोग अपने पर्यावरण, जनजीवन व संस्कृति के बारे में जागरूक है और वहां अब No means No मुहिम चलाई गई है। इसमें अब किन्नौर को बचाने के हाइड्रो प्रोजेक्ट का विरोध किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि राजनेता सत्ता के बाहर विरोध करते हैं, लेकिन सत्ता में आते इनका मुँह बन्द हो जाता है, चाहे वे किसी भी दल से हो। किन्नौर की 2 5 पंचायतें आगामी विधानसभा चुनाव में हाइड्रो प्रोजेक्ट के मुद्दे पर चुनाव का बहिष्कार करेगी और साथ ही जिला के अन्य क्षेत्रों में भी यह मुहिम चलाई जाएंगी।