शिमला, 03 जुलाई : हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा रविवार को प्रदेश भर में बनाए गए 87 परीक्षा केंद्रों पर सम्पन्न हुई। कांस्टेबल के 1334 पदों के लिए परीक्षा का आयोजन दोहपर 12 बजे से एक बजे तक हुआ। विवादों से घिरी इस परीक्षा में 75803 अभ्यर्थियों में से 69427 अभ्यर्थी परीक्षा देने के लिए उपस्थित हुए। ऐसे में 6254 अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ दी।
कांगड़ा जिला में सबसे ज्यादा 1786 अभ्यर्थियों ने परीक्षा में हिस्सा नहीं लिया। इसी तरह मंडी जिला में 989, चंबा में 851, सिरमौर में 692, उना में 387, शिमला में 447, हमीरपुर में 260, बिलासपुर में 278, बिलासपुर में 278, सोलन में 263, कुल्लू में 267, किन्नौर में 22 और लाहौल-स्पीति जिला में 12 अभ्यर्थी परीक्षा में नदारद रहे। परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों की दर 92 फीसदी रही। परीक्षा में पारदर्शिता लाने के लिए फ्लाइंग स्क्वायड की टीमों का गठन किया गया। प्रत्येक सेंटर पर पैनी नजर रखी गई। इसके अलावा वीडियोग्राफी भी की गई।
परीक्षा में नकल रोकने के लिए सभी परीक्षार्थियों की अच्छे तरीके से जांच की गई। इसके बाद ही उन्हें केंद्र में प्रवेश की अनुमति दी गई। कई जगह अभ्यर्थियों के जूते और जैकेट उतारकर चेकिंग के बाद ही प्रवेश मिला। मोबाइल फोन, घड़ी व किसी भी तरह इलेक्ट्रॉनिक उपकरण परीक्षा केंद्र के बाहर रखवाए गए। इसके अलावा बैग व पानी की बोतल भी परीक्षा केंद्र में ले जाने की मनाही रही। परीक्षा केंद्रों के आसपास अभ्यर्थियों के अलावा किसी भी बाहरी व्यक्ति को प्रवेश नहीं करने दिया गया।
प्रदेश पुलिस मुख्यालय द्वारा परीक्षा के लिए सुरक्षा चाक-चौबंद की गई थी। पेपर लीक प्रकरण में 27 मार्च को ली गई लिखित परीक्षा रद्द होने के बाद इस बार सीसीटीवी और जैमर की कड़ी निगरानी में यह परीक्षा आयोजित की गई।
प्रदेश पुलिस ने गड़बड़ी रोकने के लिए रेंज के अनुसार पर्यवेक्षकों की तैनाती की गई थी। इनमें पुलिस भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष एडीजीपी अभिषेक त्रिवेदी, आईजी प्रशासन एवं कल्याण डीके यादव, डीआईजी इंटेलिजेंस संतोष पटियाल, पीटीसी डरोह के प्रिंसिपल विमल गुप्ता, आईजी साउथ रेंज पीडी प्रसाद, डीआईजी सेंट्रल रेंज मंडी मधु सूदन और डीआईजी नार्थ रेंज धर्मशाला सुमेधा द्विवेदी शामिल हैं।
बता दें कि बीते 27 मार्च को हिमाचल पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा हुई थी और परीक्षा से पहले पेपर लीक हो गया था। इस पूरे खुलासे के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पुलिस भर्ती प्रक्रिया की लिखित परीक्षा रद्द करने के आदेश जारी किए थे। साथ ही मामले की जांच एसआईटी से करवाने के आदेश भी दिए गए। एसआईटी ने इस मामले में 91 लोगों के विरूद्ध अदालत में अपना पहला आरोपपत्र दाखिल किया है।