शिमला, 28 जून : हिमाचल प्रदेश की करीब 5000 करोड़ की आर्थिकी का योगदान देने वाला सेब मंडियों में पहुंचना शुरू हो गया है। अर्ली किस्म का सेब टाइडमैन रेड जुन इत्यादि किस्में मंडी में पहुंच रही है। हालांकि सूखे की मार से इस बार सेब का आकार नहीं बन पाया, जिसके चलते बागवानों को ज्यादा अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं।
सेब के अलावा नाशपाती, पलम, आडू के भी बागवानों को अच्छे दाम मिल रहे हैं।वहीं बागवानों ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस बार सेब के अच्छे दाम नहीं मिले हैं। सूखे की मार की वजह से सेब का आकार नहीं बन पाया है। हालांकि जो अच्छी फसल है उसके दाम 1000-1500 तक प्रति पेटी (25 किलो पेटी) दाम मिल रहे हैं।
इस बार सेब की फसल तो सामान्य मानी जा रही है, लेकिन मौसम की मार से फसलों पर विपरीत असर पड़ा है। जिसकी वजह से मार्केट में दाम कम हैं।वहीं आढ़ती मुकेश ठाकुर ने बताया कि इस बार सेब की फसल 15 दिन पहले ही मंडी में आनी शुरू हो गई है। सेब की फसल और रंग अच्छा है लेकिन आकार छोटा है, जिस वजह से उतने अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं और व्यापारी भी अभी कम ही पहुंचे है। आने वाले दिनों में बाजार में अच्छी तेजी आने की उम्मीद है।