नाहन, 28 जून : ठगों की सोच की दाद देनी पड़ेगी। सिरमौर में ठगी करने का एक नया तरीका ईजाद कर लिया है। दरअसल ग्रामीण इलाको में सोशल मीडिया व फ़ोन कॉल के माध्यम से बकरे उपलब्ध करवाने का झांसा दिया जा रहा है।
शिकार से ठगी करने के बाद ठग गायब हो जाते हैं। सस्ती दरों पर बकरे उपलब्ध करवाने के लिए आधे कीमत एडवांस में मांगी जाती है। रकम खाते में ट्रांसफर होने के बाद पीड़ित की कॉल रिसीव करनी बंद कर दी जाती हैं।
ये मामला सिरमौर पुलिस के संज्ञान में आया। इसके बाद सिरमौर पुलिस ने सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता का प्रयास किया है। पुलिस की मानें तो एडवांस देने के बाद न तो बकरे उपलब्ध करवाए जाते हैं और न ही रुपया वापस किया जाता है। उधर खंगालने पर पता चला कि इन दिनों ग्रामीण क्षेत्रों में कोई पर्व नहीं होता है, लेकिन लोग बकरों की खरीद लेते हैं, ताकि सस्ते दाम पर मिलने के बाद इन का इस्तेमाल के माघ के महीने में किया जा सके।
बकरे की कीमत वजन से तय होती है। इन दिनों कम वजन के बकरे की खरीद बाद में फायदेमंद साबित होती है। समय रहते ही पुलिस ने लोगों को ठगी के इस नए तरीके से वाकिफ करवाने का कार्य किया है, क्योंकि जागरूकता की कमी में सैकड़ों लोगों के ठगे जाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। आपको बता दें कि ग्रामीण क्षेत्रों में शादी, माघी व खुशी के मौकों पर बकरे काटने की रिवायत है।
उधर एसपी ओमापति जम्वाल का कहना है कि एक व्यक्ति से बकरे उपलब्ध करवाने की एवज में 22 हजार की ठगी हुई है। इसके बाद जागरूकता का प्रयास किया गया ताकि इस मॉडस ऑपरेंडी से लोगों को ठगी से बचाया जा सके।