नाहन, 27 जून : सिरमौर प्रशासन ने सरकारी स्कूलों के लिए एक फरमान जारी किया है। इसके मुताबिक हरेक विद्यालय में मैजिक शो होगा। इसके लिए हरेक छात्र को 20-20 की राशि बतौर टिकट शुल्क चुकानी होगी।
हालांकि, इंडियन रैडक्राॅस सोसायटी ने ये फरमान फंड रेजिंग के मकसद से किया है, लेकिन सवाल ये उठता है कि वो सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे, जिन्हें सरकार निशुल्क शिक्षा देती है, इनमें कई छात्र ऐसे भी हो सकते हैं, जिनके लिए 20 रुपए भारी पड़ सकते हैं। इसका एक कारण ये भी है कि कई स्थानों पर गरीब परिवार के दो-तीन बच्चे भी शिक्षा ग्रहण कर रहे होते हैं।
रैडक्राॅस सोसायटी के सचिव स्तर पर आदेश जारी हुए हैं। इसमें स्कूलों के प्रधानाचार्यों व हैडमास्टर्स को सुविधानुसार मैजिक शो आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं। विद्यालयों के हैडमास्टर व प्रिंसिपल छात्रों से राशि एकत्रित करेंगे। जादूगर द्वारा रैडक्राॅस सोसायटी को 65 हजार की राशि दी जाएगी।
अहम बात ये है कि ये शो आयोजित करने के लिए एक साल की सीमा अवधि भी तय की गई है। गौरतलब है कि प्रशासन का ये फरमान उच्च व प्रारंभिक शिक्षा विभागों के उपनिदेशकों को जारी किया गया है। रैडक्राॅस सोसायटी के सचिव के स्तर पर मैजिक शो आयोजित करने की अनुमति राजस्थान के भारत सोनी पुत्र साधू राम को जारी की गई है।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क को विद्यालयों से अनुमति पत्र की प्रतिलिपि उपलब्ध हुई है। दीगर है कि हाल ही में रैडक्राॅस सोसायटी ने चौगान मैदान में मेले का आयोजन भी किया था। इसमें भी फंड रेजिंग की गई थी। इसमें कोई दो राय नहीं है कि रैडक्राॅस सोसायटी को जरूरतमंदों की मदद के लिए धन की आवश्यकता होती है।
ऐसे में धन को एकत्रित करने के लिए प्रयास किए जाते हैं। लेकिन दशकों में ऐसा पहली बार ही हो रहा है, जब सरकारी स्कूलों में छात्रों के लिए मैजिक शो अनिवार्य बना दिया गया है। ये फरमान इस कारण भी स्कूलों को हजम नहीं हो रहा, क्योंकि इसमें ये बात नहीं लिखी गई है कि शो को देखने की बाध्यता नहीं है।
फिलहाल प्रशासन की प्रतिक्रिया उपलब्ध नहीं हुई है। मिलने पर प्रकाशित की जाएगी।