हमीरपुर, 17 जून : दिल्ली में अपना कारोबार चलाने वाले और वहां के प्रमुख कारोबारियों में शुमार प्रीतम सिंह अत्री अपनी मिट्टी अपने गांव को हमेशा याद करते हैं। प्रीतम सिंह अत्री मूलतः बिझड़ी के तहत आने वाली ग्राम पंचायत रैली के निवासी है, लेकिन अब दिल्ली में जा बसे हैं।
गांव की हर समस्या के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले प्रीतम सिंह अत्री और उनके बेटे अमित अत्री ने गांव के सरकारी स्कूल को ही गोद ले लिया है। उल्लेखनीय है कि राजकीय उच्च पाठशाला फगोटी के के भवन को कुछ समय पहले प्रशासन की ओर से असुरक्षित घोषित कर दिया गया था, जिससे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के भविष्य को लेकर संकट पैदा हो गया।
स्कूल के मुख्य अध्यापक कामराज सेठी ने प्रीतम सिंह अत्री से भेंट की और पाठशाला में कमरों की कमी के बारे में बताया। अत्री ने तुरंत पाठशाला में कमरों के निर्माण के लिए 23.49 लाख रुपये दिए। उन्होंने मुख्याध्यापक और स्कूल प्रबंधन समिति को इसके अतिरिक्त और भी सहयोग देने की बात कही। उन्होंने दो शौचालयों के निर्माण के लिए भी कहा। स्कूल के मुख्याध्यापक कामराज सेठी और स्कूल स्टाफ, स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों ने इसके लिए प्रीतम सिंह अत्री और अमित अत्री का आभार जताया।
यही नहीं, उन्होंने स्कूल में आईटी लैब स्थापित करने और अन्य विकास कार्यों के लिए भी धनराशि उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है। पिछड़ी पंचायत रैली में करनेहड़ा और फगोटी गांव के ग्रामीणों ने अपने स्तर पर 1971 को फगोटी में पब्लिक प्राइमरी स्कूल शुरू किया था। ग्रामीणों ने अपने स्तर पर यहां छह कमरों का निर्माण भी किया। ताकि क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा के लिए दूर न जाना पड़े। 1972 में प्रदेश सरकार ने इसका अधिग्रहण कर लिया।
एमबीएम न्यूज ने जब प्रीतम सिंह अत्री से संपर्क साधने की कोशिश की तो व्यस्त होने के कारण उनसे संपर्क नहीं हो सका। लेकिन प्रीतम सिंह अत्री के दामाद मदन दत्याल ने बताया कि प्रीतम सिंह अत्री दिल्ली में एक्सपोर्ट व इंपोर्ट का कारोबार करते हैं और दिल्ली के प्रमुख कारोबारियों में उनका नाम आता है। अब वह दिल्ली में ही जाकर बस गए हैं। लेकिन कभी कभार गांव आते हैं, उनका लगाव गांव से कम नहीं हुआ है।
गांव की हर समस्या के बारे में वह हमेशा पूछते रहते हैं। वह हमेशा गांव की हर समस्या के निवारण हेतु हमेशा तत्पर रहते हैं और गांव के सामाजिक कार्य में भी बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं।