रिकांगपिओ, 14 जून : जनपद के गांव जंगी के जंगल में लगी आग पर काबू पाने के लिए सरकारी तंत्र के साथ 10 गांव के लोगों ने कड़ी मशक्कत की। जानकारी के अनुसार रारंग, जंगी, पंगी, आकपा, आसरंग, लिप्पा, रिस्पा, स्कीबा, मूरंग और ठंगी के ग्रामीणों की मेहनत से आग पर काबू पाया गया। पाथोरो काशंग-आकपा बहाव सिंचाई नैहर फेस-टू के पानी से आग बुझाने का काम किया।
हालांकि इन दिनों इन नहर के पानी से बागवान खेतों में सिंचाई करते हैं, लेकिन क्षेत्र के लोगों ने इसकी परवाह किए बगैर जंगल में आग पर काबू पाने का काम किया। बताया जा रहा है कि आग लगने के कारणों की विभाग जांच कर रहा है।
वन अधिकार अधिनियम कमेटी जंगी अध्यक्ष रोशन नेगी ने बताया कि जंगी के जंगल में आग ने भीषण रूप ले लिया था। NH-5 से 150 मीटर ऊपर पुराना हिन्दुस्तान तिब्बत मार्ग तक करीब 250 बीघा जंगल में आग फैलने से हज़ारों की संख्या में चिलगोजा के पेड़ जल कर राख हो गए है। करोड़ों की वन संपदा को नुकसान पहुंचा है।
चिंता की बात यह है कि जंगल की आग से प्रदेश के एकमात्र चिलगोजा उत्पादन क्षेत्र पर खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि चिलगोजा तैयार होने में 18 से 19 महीने का वक्त लग जाता है। यानी अगले डेढ़ साल तक चिलगोजा संभव नहीं हो पाएगा।
बताया गया कि कई दमकल वाहन, सेना के जवान, आईटीबीपी के जवानों के साथ-साथ 10 गांव के लोगों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया। जंगी जंगल में लगी आग को बुझाने पहुंचे दमकल विभाग, वन विभाग, पुलिस, होमगार्ड, सेना, आईटीबीपी व अन्य गांव से लोगों को खाने के लिए लंगर का प्रबंध किया गया था।