नाहन, 14 जून : लगातार बढ़ती महंगाई व खर्चों को कम करने के लिए अक्सर हमारा प्रयास रहता है कि खाने-पीने की चीजें कम से कम बर्बाद हों। खास तौर पर फ्रिज में रखे ताजा फल और सब्जी। अक्सर लंबे समय तक फ्रिज में रखने पर भी ये खराब हो जाते हैं और हमें न चाहते हुए भी उन्हें फेंकना पड़ता है।
परन्तु अब ऐसा नहीं होगा क्यूंकि हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के सिरमौर जिले के माजरा शिक्षा खंड के अंतर्गत आने वाले राजकीय उच्च विद्यालय नौरंगाबाद के स्कूली बच्चों ने कुछ ऐसा कर दिखाया है कि 7 से अधिक दिन बाद भी उस भोजन को खाया जा सकता है। बता दें कि यह स्कूल निर्धन गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र में है।
दरअसल स्कूल के मुख्याध्यापक (Headmaster) संजीव अत्री के मार्गदर्शन में मिट्टी, शैवाल, भूसे व साल के वृक्ष की पत्तियों को मिलाकर देसी नेचुरल प्रिजर्वेटिव (Preservative) तैयार की है। मिट्टी के इन पात्रों में 7 दिनों के लिए अधिक पानी से भरपूर सब्जी व फलों को बंद करके रखा गया। सप्ताह भर बाद जब इन्हें खोला तो सब्जियां पूरी तरह से तरोताजा थी। वहीं स्वाद में भी कोई फर्क नजर नहीं आया।
गौरतलब है कि स्कूली बच्चे (School Children) धीरे-धीरे सभी सब्जियों व फलों पर प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे में यदि यह प्रयोग कामयाब होता है, तो इसे कोल्ड स्टोर (Cold Store) या प्रिजर्वेटिव के तौर पर प्रयोग किया जा सकता है।
बड़ी बात ये भी है कि इस तकनीक को बहुत मामूली खर्च वहन कर अमल में लाया जा सकता है। साथ ही खाने की गुणवत्ता भी बरकरार रहेगी।