शिमला, 12 जून : संयुक्त रोजगार आंदोलन आयोजन समिति के बैनर तले रविवार को शिमला में रोजगार संसद का आयोजन किया गया। इस दौरान आयोजित बैठक में प्रदेश के 50 से ज्यादा संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए, जिन्होंने राष्ट्रीय रोजगार नीति पर अपनी बात रखी तथा 16 अगस्त से दिल्ली में होने वाले आंदोलन को लेकर समर्थन व्यक्त किया।
इस रोजगार संसद में छात्र, युवा, शिक्षक, महिला, पत्रकार, दलित, आदिवासी, व्यापारिक, ट्रेड यूनियन, किसान यूनियन, सामाजिक संस्थाएं, सामाजिक संगठन, गैर सरकारी संस्थाओं, मेडिकल एसोसिएशन टीचर्स एसोसिएशन जैसे 50 से ज्यादा प्रतिनिधियों एवं 300 से ज्यादा कार्यकर्ताओं ने रोजगार संसद में बेरोजगारी की ज्वलंत समस्या पर अपनी बात रखी।
संयुक्त रोजगार आंदोलन आयोजन समिति के केंद्रीय प्रभारी कामिनी तिवारी ने बताया कि देश में बेरोजगारी की व्यापक समस्या का समाधान सिर्फ राष्ट्रीय रोजगार नीति है।
उन्होंने कहा कि सभी संगठनों ने राष्ट्रीय रोजगार नीति के ड्राफ्ट पर सहमति जताते हुए कुछ सुझाव दिए। साथ ही 16 अगस्त से दिल्ली में आंदोलन करने और इसमें हिमाचल प्रदेश से हजारों प्रतिनिधियों की भागीदारी का एलान किया गया। इसके लिए आगामी दिनों में जिलों में सम्मेलन किए जायेंगे और प्रदेश के कॉलेज यूनिवर्सिटी में कार्यक्रम होंगे।