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धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना पर अवैध खनन व रोजगार में अनदेखी को लेकर सवाल 

June 12, 2022 by MBM News Network

हमीरपुर, 12 जून : हिमाचल प्रदेश की धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजना (Dhaulasiddha Hydroelectric Project) पर सवाल उठाये गए है। प्रेस वार्ता के दौरान हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के सोशल मीडिया अध्यक्ष व  प्रवक्ता अभिषेक राणा ने दस्तावेज और तस्वीरें साझा कर परियोजना में चल रही धांधली का खुलासा किया है।  

अभिषेक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 66 मेगावाट वाली जल विद्युत परियोजना का शिलान्यास किया था, उसी में अवैध खनन किया जा रहा है। धौलासिद्ध में गैर कानूनी तरीके से पैचिंग प्लांट और क्रशर चलाया जा रहा है। क्रशर के लिए 20 मई को ‘कंसेंट टू एस्टेब्लिश’ का लेटर मिला था। मंजूरी में समय लगता है। इसका मतलब यह हुआ कि अनुमति से पहले ही क्रशर लगाया गया और प्रोडक्शन की अनुमति से पहले ही काम शुरू कर दिया गया था। 

राणा ने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश में अवैध खनन पहले ही चरम पर है। ऐसे में जिस परियोजना का शिलान्यास खुद प्रधानमंत्री करके गए हों, वहां  अवैध खनन बेहद शर्मनाक है। राणा ने कहा कि इस बारे माइनिंग ऑफिसर को भी अवगत करवाया गया, जिसके बाद कुछ समय के लिए अवैध कार्य बंद हो गया। लेकिन अब फिर से रात के अंधेरे में यह काम शुरू कर दिया गया है।

अभिषेक ने बताया कि परियोजना का काम एसजेवीएन और हैदराबाद की निजी कंपनी ऋत्विक देख रही है। कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार स्थानीय लोगों के साथ-साथ उन लोगों को 100 फीसदी रोजगार देना था जिनकी जमीनें इस परियोजना के अंतर्गत आई हैं। 

  कॉन्ट्रैक्ट में स्पष्ट था कि जिन लोगों ने जमीन दी हैं, पहले उनके परिवार के योग्य सदस्यों को नौकरी दी जाएगी, इसके बाद जिला और फिर प्रदेश में योग्य लोगों की तलाश की जाएगी। यदि फिर भी योग्यता के अनुसार कोई व्यक्ति नहीं मिलता है तो प्रदेश से बाहर देखा जाएगा। लेकिन कॉन्ट्रैक्ट के तहत स्थानीय लोगों को ही रोजगार नहीं मिल रहा है, बल्कि दिल्ली, मध्यप्रदेश और यहां तक कि झारखंड के लोगों को काम पर रखा जा रहा है। 

धौलासिद्ध परियोजना से कुल 44 गांवों के लोग प्रभावित हुए हैं। लेकिन दस्तावेज से स्पष्ट है कि नौकरी पर रखे गए करीब आधे लोग बाहरी राज्यों से हैं, जो हिमाचली रखे हैं उनमें से भी बहुत कम लोग प्रभावित क्षेत्रों से आते हैं। अभिषेक ने बताया कि स्थानीय युवाओं के रिज्यूम एसजेवीएन के दफ्तर में पड़े हैं, जिन्हें नजरअंदाज किया जा रहा है। इसे लेकर प्रदेश की जनता खासकर युवाओं में रोष है। 

धौलासिद्ध परियोजना से जुड़ी कंपनियों और सरकारी अधिकारियों को इस संबंध में अवगत करवाया गया है, लेकिन इसके बावजूद अवैध खनन भी जारी है और बाहरी लोगों को रोजगार देने का काम भी। अभिषेक ने कहा कि हम धौलासिद्ध परियोजना से जुड़ी कंपनियों को 10 दिन का अल्टीमेटम देते हैं। इस अवधि में यदि ये कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार स्थानीय लोगों को हक नहीं देती हैं व अवैध कार्य बंद नहीं होते हैं तो युवा सड़कों पर उतरेंगे और धरना प्रदर्शन करेंगे।

Filed Under: हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश Tagged With: Hamirpur News, Himachal News In Hindi



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