नाहन,12 जून: हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्षा प्रतिभा सिंह की मौजूदगी में “भारत जोड़ो सद्भावना सम्मेलन” के शुरू होने से पहले ही कांग्रेस में जमकर हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता हर्षवर्धन चौहान सहित कई कांग्रेसियों ने मंच पर बैठने से इंकार कर दिया। उपनेता प्रतिपक्ष हर्षवर्धन चौहान पंडाल में दरी पर बैठ गए। उनके साथ कई अन्य नेता भी दरी पर बैठ गए। हालांकि सीधे तौर पर कुछ नहीं बोल रहे थे लेकिन ये साफ था कि पार्टी के जिला अध्यक्ष के खिलाफ बगावत की जा रही थी।
स्थिति ऐसी हो गई कि मंच से पार्टी की अध्यक्षा प्रतिभा सिंह हाथ जोड़कर हर्षवर्धन चौहान को बुलाती रही। प्रतिभा सिंह ने ये तक कह दिया कि वो भी दरी पर बैठ जाती है या फिर कार्यक्रम छोड़ कर चली जाएगी। कुछ देर चले ड्रामे के बाद हर्षवर्धन चौहान मंच पर बैठने के लिए राजी हो गए, लेकिन वो कांग्रेस के जिला अध्यक्ष कंवर अजय बहादुर सिंह की साथ वाली कुर्सी पर बैठने से कतरा रहे थे। लिहाजा पार्टी अध्यक्ष ने उन्हें अपनी दूसरी तरफ बिठाया। हालांकि बाद में प्रतिभा सिंह के संबोधन के दौरान दोनों नेता साथ-साथ ही बैठे हुए थे।
सार्वजनिक तौर पर उजागर हुई कांग्रेस की गुटबाजी से सबक लेते हुए प्रतिभा सिंह ने भी मंच से किसी भी नेता को संबोधन का मौका नहीं दिया। रविवार के घटनाक्रम के बाद साफ जाहिर हो रहा है कि उपनेता प्रतिपक्ष हर्षवर्धन चौहान व पार्टी के जिला अध्यक्ष कंवर अजय बहादुर सिंह के बीच खाई गहरी हो गई है। बताया जा रहा है कि पार्टी अध्यक्षा को लेने कालाअंब तक जिला अध्यक्ष कंवर अजय बहादुर सिंह व वरिष्ठ नेता गंगूराम मुसाफिर गए थे, जबकि हर्षवर्धन चौहान व नाहन से पार्टी के प्रत्याशी रहे अजय सोलंकी सैलानी रिसोर्ट में ही डटे रहे।
दअरसल, विवाद सम्मेलन के निमंत्रण पत्र को लेकर उपजा। इसमें वरिष्ठ नेता हर्षवर्धन चौहान के अलावा गंगूराम मुसाफिर के नाम नदारद थे, जबकि कनिष्ठ विधायक विनय कुमार को विशेष अतिथि के तौर पर अंकित किया गया था। हालंकि एक वजह ये भी बताई गई है कि अल्पसंख्यक के प्रदेश चेयरमैन इक़बाल चौधरी ने सम्मेलन को हाई जैक किया हुआ था, इसमें पार्टी जिला अध्यक्ष भी चौधरी के साथ थे। ये बात सोलंकी गुट को गवारा नहीं थी, लिहाजा सोलंकी गुट भी चौहान हर्ष वर्धन चौहान के साथ खड़ा हो गया।
बताया जा रहा है कि रेणुका जी के विधायक विनय कुमार चंडीगढ़ से ही प्रतिभा सिंह के साथ आए थे। हालांकि सम्मेलन के दौरान भीड़ जुटी थी, लेकिन सरेआम गुटबाजी ने कांग्रेस को बड़ा झटका दे दिया है। दीगर है कि पार्टी अध्यक्ष के पंडाल में पहुंचने के बाद अल्पसंख्यक मोर्चा के राज्य अध्यक्ष इकबाल चौधरी के भी पक्ष में नारेबाजी हो रही थी।
निमंत्रण पत्र को उपजे विवाद के बाद शिलाई के विधायक हर्षवर्धन चौहान ने सर्किट हाउस में बैठक का आयोजन किया था। इसकी सूचना पार्टी के जिला अध्यक्ष को नहीं दी गई। बैठक में जिला अध्यक्ष के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर भेजा गया था। इसके बाद चिंगारी में भी घी डला।
बाद में मीडिया के सवालों पर कंवर अजय बहादुर सिंह ने ये कहने में संकोच नहीं किया था कि जल्द ही वह इस बात का खुलासा करेंगे कि पार्टी को कमजोर करने में किन लोगों का हाथ रहा है,वो कौन-कौन नेता थे,जो कुश परमार को हराने के लिए उनके पास आये थे।
सम्मेलन के बाद मीडिया ने पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष से गुटबाजी को लेकर सवाल पूछने का प्रयास किया, इसी बीच हर्षवर्धन चौहान ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि वो दरी पर इस कारण बैठे थे क्योंकि अब समय आ गया है कि नेताओं को भी आम जनमानस के बीच में बैठना होगा। उन्होंने गुटबाजी से इनकार करते हुए कहा कि तमाम नेता स्टेज पर मौजूद हैं। घटनाक्रम के बाद ऐसे भी प्रतीत हो रहा है कि हिमाचल कांग्रेस में प्रतिभा सिंह का विरोधी खेमा भी सक्रिय होने लगा है।