नाहन, 11 जून: भारतीय सेना में कमांडो बनने का सपना ऋत्विक पासी (Hritwik Pasi) ने पांचवी कक्षा में देख लिया था। फिर, सैनिक स्कूल सुजानपुर (Sainik School Sujanpur) में आगे की पढ़ाई की जिद की। सैनिक स्कूल में 12वीं कक्षा में लिटरेसी कैप्टन भी बन गया। जमा दो परीक्षा का नतीजा आने से पहले ही वो यूपीएससी (UPSC) द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा को उत्तीर्ण कर चुका था।
शनिवार को देहरादून स्थित भारतीय सेना अकादमी (Indian Army Academy, Dehradun) में शिक्षक पिता कमल व माता किरण पासी का सीना उस वक्त फक्र से चौड़ा हो गया था, क्योंकि उनका लाल पासिंग आउट परेड में 70 जेंटलमैन कैडेटस की कंपनी को कमांड कर रहा था। बता दें इसमें 6 टुकड़ियां थी।
जेंटलमैन कैडेट ऋत्विक पासी की भारतीय सेना में सैन्य अधिकारी बनने की सफलता आसाधारण भी है। दरअसल, देश को आज 288 युवा सैन्य अधिकारी मिले हैं। इसमें से केवल 9 जेंटलमैन कैडेटस (gentleman cadets) हैं, जिनका चयन स्पैशल फोर्सिज के लिए हुआ है। इनमें से एक नाहन के 21 वर्षीय ऋत्विक पासी भी हैं।
एसएफ में चयन के लिए आईएमए में ऋत्विक को फिजिकल व लिखित परीक्षा को अलग से उत्तीर्ण करना पड़ा।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को पासिंग आउट परेड की दक्षिण-पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह ने सलामी ली।
पासिंग आउट परेड में 8 मित्र देशों के 89 युवा सैन्य अधिकारी भी शामिल थे। दीगर है कि ऋत्विक ने यूपीएससी की एनडीए (NDA) व एसएसबी (SSB) में 2017-18 के बैच में देश भर में 161 वां रैंक हासिल किया था। 2018 में एनडीए को ज्वाइन किया था। एनडीए में ऋत्विक लीमा स्क्वॉर्डन (lima squadron) व शानदार स्कोर के साथ पास आउट हुआ था। इस दौरान ऋत्विक को डिवीजन कैडेट कैप्टन के तौर पर भी नियुक्ति मिली थी। 2021 में ऋत्विक आईएमए देहरादून (IMA Dehradun) पहुंचा।
शनिवार को नौशेरा कंपनी के जेंटलमैन कैडेट के तौर पर पास आउट हुआ है। फाइनल टर्म में ऋत्विक को नौशेरा कंपनी (Noshera Company) का सीनियर अंडर ऑफिसर भी चुना गया। इस कंपनी ने तीन स्पर्धाओं में पदक हासिल किया।
ऋत्विक की सफलता इस कारण भी अहम है, क्योंकि वो पासिंग आउट में कंपनी को कमांड कर रहा था। लेफ्टिनेंट ऋत्विक पासी की कामयाबी पर न केवल नाहन शहर, बल्कि समूचे हिमाचल का नाम गौरवान्वित हुआ है।
गौरतलब है कि 288 में से हिमाचल ने देश को आज 15 युवा सैन्य अधिकारी दिए हैं।