चंबा, 11 जून : हिमाचल (Himachal Pradesh) के भरमौर घाटी में 19 अगस्त को धार्मिक उल्लास के साथ भगवान शिव को समर्पित पवित्र मणिमहेश झील (Manimahesh Lake ) के लिए 14 दिवसीय यात्रा शुरू हो गई। 13,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित मणिमहेश के लिए तीर्थ यात्रा (Manimahesh Pilgrimage) संयोग से जन्माष्टमी (Janmashtami) के दिन शुरू होकर 2 सितंबर को राधा अष्टमी (Radha Ashtami) पर संपन्न होगी।
मणिमहेश यात्रा के आयोजन के लिए मणिमहेश न्यास की बैठक का आयोजन हुआ। इसकी अध्यक्षता न्यास के अध्यक्ष एवं कार्यवाहक एडीएम भरमौर निशांत ठाकुर ने की। स्थानीय विधायक जियालाल कपूर भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक का एजेंडा प्रस्तुत करते हुए न्यास सचिव एवं एसडीएम भरमौर असीम सूद ने कहा कि इस वर्ष यात्रियों की संख्या दोगुनी होने का अनुमान है।
यात्रा के दौरान स्वास्थ्य कैंप, राहत एवं बचाव, सूचना एवं जन संपर्क आदि विभागों के शिविर पूर्ववत ही लगेंगे। लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग, एनएचएआई विभाग को निर्देश दिए गए कि 30 जून तक सुरक्षित यात्रा मार्ग, पासिंग प्लेस, पार्किंग, सड़क किनारे स्वच्छ पेयजल व पैदल मार्गों के कार्य पूरे कर रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
वहीं बैठक में निर्णय लिया गया कि करिया से हड़सर तक सड़क को ट्रैफिक नियंत्रण के लिए 14 सेक्टरों में बांटा जाएगा। यात्रियों का पंजीकरण ऑफ लाइन ही किया जाएगा। यात्रा से लौटने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को हड़सर से सूंकू टपरी वाया चोबिया सड़क मार्ग से भेजा जाएगा।
हर साल होती है ये यात्रा…
बता दें कि हर साल भक्त कैलाश पर्वत की एक झलक पाने के लिए भरमौर घाटी में स्थित इस झील तक यात्रा करते हैं और मन्नत मांगते हैं और प्रार्थना करते हैं। कैलाश को भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है।
जानिए क्या है महत्व… ऐसा भी माना जाता है कि अगर किसी भक्त को कैलाश पर्वत (Kailash Parvat) की झलक दिखाई देती है तो भगवान उससे प्रसन्न होते है। वहीं यह भी मान्यता है कि अगर चोटी बादलों से घिरी रहती है तो वह भगवान की नाराजगी का प्रतीक है।