शिमला, 10 जून : हिमाचल प्रदेश के नाहन शहर के समीपवर्ती गांव जलापड़ी के एक 25 वर्षीय युवक विक्रम सिंह ने अनोखी जिद की है। खास बात ये हैं कि ये
जिदभी तब पकड़ी है जब तापमान 40 डिग्री को छू रहा है। दरअसल, विक्रम सिंह ने नाहन से चूड़धार यात्रा पैदल करने निकला है। 932 मीटर की ऊंचाई से 11800 फुट की उनके पर पहुंचने का लक्ष्य हैं। बड़ी बात यह है कि वापिस भी पैदल ही नाहन पहुंचना हैं। अप व डाउन की दुरी लगभग 215 किलोमीटर तक होने की उम्मीद हैं। शुक्रवार सुबह 3:30 बजे बस स्टैंड से विक्रम सिंह लक्ष्य भेदने निकल पड़ा हैं। वो इस बात को जानता है कि कठिन कार्य को मुमकिन किया जा सकता है, बशर्ते हौसला बुलंद हो। साथ ही भोले शंकर के आशीर्वाद से इस कार्य को करने में सफल हो जाएगा।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने यह पता लगाने की कोशिश की क्या पहले इस तरह का प्रयास हुआ है या नहीं। कहीं से भी इस बात का फीडबैक नहीं मिला कि नाहन से पहले कोई चूड़धार चोटी तक पैदल गया हो। हालांकि इस बात के प्रमाण उपलब्ध हैं कि करीब 40 से 50 साल पहले लोग राजगढ़ से नाहन तक पैदल आ जाया करते थे। रोजमर्रा का कार्य निपटाने के बाद उसी दिन वापसी भी हो जाती थी। लेकिन हिमाचल में सड़कों का जाल बिछने के बाद कोई भी व्यक्ति मात्र 106 मीटर तक भी पैदल चलना नहीं चाहता। विक्रम के लिए पैदल यात्रा का पहला पड़ाव बेहद ही मुश्किल हो सकता है। कारण यह है कि ददाहू के आसपास तापमान काफी अधिक होगा। पहले जलाल फिर गिरी नदी को पार करना है।
यह है रोड मैप… विक्रम सिंह ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कहा कि पहला पड़ाव संगड़ाह का है, वह 10 जून की शाम तक अपना पहला पड़ाव पूरा करना चाहते हैं। इसके बाद अगले दिन 11 जून को संगड़ाह से नौहराधार के लिए वाया लानापालर रवाना होंगे।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में विक्रमजीत सिंह ने कहा कि नौहराधार में रात्रि ठहराव करने के बाद वह चूड़धार चोटी के लिए रवाना होंगे। तीसरे दिन ही वह वापस नौहराधार होते हुए पैदल ही नाहन वापसी का सफर शुरू कर देंगे। गौरतलब है कि लगभग 125 किलोमीटर का सफर सड़क का है। इसके बाद नौहराधार से लगभग 16 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई है।
आपको यह भी बता दें कि चूड़धार चोटी पर बेस कैंप से चढ़ने के कई रास्ते हैं। इसमें सबसे लंबा रूट नौहराधार से ही है। शिमला के चौपाल उपमंडल की तरफ से काफी दूर तक सड़क का निर्माण होने से श्रद्धालुओं को चोटी तक पहुंचने में काफी आसानी होती है।
क्यों पैदल यात्रा… पैदल यात्रा को लेकर पूछे गए सवाल पर विक्रम सिंह ने कहा कि हर कोई यही सोचता है कि चोटी तक सड़क बन जाए। लेकिन यह भी सोचना जरूरी है कि अगर पवित्र स्थान तक सड़कों का निर्माण हो जाएगा तो वहां का वातावरण दूषित होगा। उन्होंने कहा कि वह शिव के भक्त हैं। लंबे अरसे से नाहन से चूड़धार पैदल यात्रा करने के बारे में सोचा करते थे। अब वक्त आया है तो वह अपने इस सपने को साकार करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई उनका साथ देना चाहता है तो दल में अपने रिस्क पर शामिल हो सकता है। उल्लेखनीय है कि उनके अन्य दोस्त भी इस यात्रा को संगड़ाह में ज्वाइन करेंगे।
10 बजे विक्रम ददाहू से 10 किलोमीटर पीछे मालगांव पहुंच चुके थे। उनका कहना था कि अगले 1 घंटे में वह ददाहू पहुंच जाएगा।