रोनहाट, 4 जून : सिरमौर जिला के शिलाई शिक्षा खंड के अंतर्गत आने वाले दुर्गम इलाके के राजकीय प्राथमिक पाठशाला कलोग में तैनात जेबीटी शिक्षक पर स्कूल का माहौल खराब करने और एसएमसी सदस्यों को बैठक के लिए बुलाकर खुद रफूचक्कर होने के आरोप लगाए गए है।
खंड प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी शिलाई और उपनिदेशक प्रारम्भिक शिक्षा विभाग सिरमौर को भेजी गई शिकायतों में स्कूल के एसएमसी सदस्यों और स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया है कि राजकीय प्राथमिक पाठशाला कलोग में तैनात जेबीटी शिक्षक जयप्रकाश अपनी मनमर्जी करते है और अक्सर स्कूल से अनुपस्थित रहते है। चूंकि राजकीय प्राथमिक पाठशाला कलोग में एक ही अध्यापक तैनात है और उनके अधिकतर अनुपस्थित रहने से स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थी दिनभर इधर-उधर भागते रहते है।
स्थानीय ग्राम पंचायत के उप-प्रधान संत राम, सामाजिक कार्यकर्ता राजू राम ने बताया कि टीजीटी जय प्रकाश स्कूल में विद्यार्थियों को पढ़ाने की जगह राजनीतिक गतिविधियां चलाते रहते है। स्कूल के साथ उन्होंने पूरे गांव का माहौल भी खराब कर दिया है और अब गांव के लोग एक दूसरे के साथ लड़ाई-झगड़ा करने के लिए भी तैयार है। ग्रामीणों का आरोप है कि स्कूल में पहले से ही 2 एमडीएम वर्कर तैनात है। मगर राजनीति के चक्कर में बिना एसएमसी की अनुमति के टीजीटी जय प्रकाश ने नियमों की अनदेखी करते हुए एक और महिला को अपनी मर्जी से एमडीएम वर्कर तैनात कर दिया है।
लायक राम, प्रताप सिंह, मोहन सिंह, बलवीर सिंह, नाजरों देवी, सुमित्रा देवी, रूप सिंह, दौलत राम, राजों देवी, बिमला देवी, दया देवी आदि करीब 2 दर्जन ग्रामीणों ने जिलाधीश सिरमौर और शिलाई के पूर्व विधायक एवं खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव सिंह तोमर को भी एक शिकायत पत्र भेजा है, जिसमें शिक्षक की गलत हरकतों का हवाला देते हुए उन्हे जनहित में तत्काल निलंबित करने की मांग उठाई गई है।
आपको बताते चलें कि स्थानीय ग्रामीणों और एसएमसी से लगातार शिकायतें मिलने के बाद नैनीधार के केंद्रीय मुख्य शिक्षक द्वारा भी जेबीटी शिक्षक जय प्रकाश के बिना छुट्टी लिए स्कूल से गैरहाजिर पाए जाने पर नैनीधार स्कूल के शिक्षक को सुबह साढ़े दस बजे के बाद कलोग स्कूल भेजा गया है ताकि विद्यार्थियों के पठन-पाठन का कार्य सुचारू रूप से चलाया जा सके।
इसके साथ ही नैनीधार के केंद्रीय मुख्य शिक्षक ने खंड प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी शिलाई और उप-निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा विभाग सिरमौर को भी मामले से अवगत करवाकर शिक्षक के खिलाफ विभागीय कार्यवाही अमल में लाने के लिए अप्रैल माह में लिखा गया था। मगर उच्चाधिकारियों द्वारा मामले को लेकर अब तक भी कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई है।