शिमला, 02 जून : हिमाचल प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले 2 महीनों में ही जीएसटी (Goods and Services Tax) संग्रह (Collection) में शानदार वृद्धि दर्ज हुई है। जानकारी के मुताबिक ये बढ़ोतरी 49 प्रतिशत दर्ज की गई है। एक्साइज महकमे ने जीएसटी से मात्र 2 महीनों में 390 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया है। अप्रत्याशित वृद्धि के पीछे कुशल प्रशासनिक व्यवस्था के अलावा प्रवर्तन से जुड़ी गतिविधियों को सही तरीके से क्रियान्वित करना माना जा रहा है। विभाग ने ओवरआल इजाफे का लक्ष्य 25% रखा है।
वृद्धि का दूसरा महत्वपूर्ण कारण पिछले वित्तीय वर्ष के पहले तीन महीनों में प्रदान की गई जीएसटी रिटर्न संबंधी छूट भी है। COVID-19 की दूसरी लहर के प्रतिकूल आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिए प्रदान की गई छूट के परिणामस्वरूप पिछले वर्ष की तुलनात्मक अवधि के दौरान GST संग्रह कम हुआ था।
विभाग चालू वित्त वर्ष में लगभग 25% की वार्षिक वृद्धि का लक्ष्य बना रहा है। रिटर्न फाइलिंग में निरंतर सुधार, रिटर्न की तेजी से जांच, जीएसटी ऑडिट को समय पर पूरा करना और मजबूत प्रवर्तन विभाग के लिए फोकस क्षेत्र हैं।
विभाग ने पिछले वर्ष में रोड चेकिंग अभियान में किए गए लगभग 2.5 लाख ईवे बिल सत्यापन में भी सुधार करने का लक्ष्य रखा है। यह “टैक्स हाट कार्यक्रम” (Tax Haat Program) के तहत हितधारकों (Stakeholders) के मुद्दों के समयबद्ध निस्तारण (Redressal) के साथ स्वैच्छिक अनुपालन में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है।
राज्य सरकार ने हाल ही में कर अधिकारियों के निरंतर क्षमता निर्माण के लिए विभाग में “जीएसटी प्रशिक्षण प्रकोष्ठ” की स्थापना को मंजूरी दी है। अच्छी तरह से प्रशिक्षित कर अधिकारियों के साथ मुख्य रूप से राज्य मंत्रिमंडल द्वारा अनुमोदित विभागीय पुनर्गठन के कार्यान्वयन से विभाग को राजस्व लक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिलने की उम्मीद है।