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6 लाख में प्रिटिंग प्रैस से बिका पुलिस भर्ती का पेपर, मुख्य सरगना सहित 5 काबू…खुले राज

June 1, 2022 by MBM News Network

शिमला, 01 जून : हिमाचल प्रदेश पुलिस आरक्षी लिखित परीक्षा मामले में मंडी की एसआईटी (SIT) जड़ तक पहुंच गई है। इसके मुताबिक दिल्ली में प्रिंटिंग प्रैस (printing press) में काम करने वाले सुधीर कुमार यादव ने पेपर को लीक किया था। हालांकि, वैरिफाई होना बाकी है, लेकिन बताया जा रहा है कि प्रिटिंग  प्रैस कर्मी ने जांच में इस बात को कबूला है कि महज 6 लाख रुपए लेकर प्रश्नपत्र लीक किया था।

इस रैकेट के मुख्य सरगना की भूमिका में बिहार के सुबोध कुमार, अरविंद कुमार व भरत यादव के नाम सामने आए हैं।
दिल्ली से प्रश्नपत्र पहले पटना पहुंचा, इसके बाद हिमाचल में इसे बेचने के लिए दलालों की नियुक्ति की गई। मंडी पुलिस (Mandi Police) के शिकंजे में इस समय इस रैकेट से जुड़े 8 मुख्य आरोपी हैं। बताया जा रहा है कि जैसे ही प्रश्नपत्र लीक (question paper leak) होने की अफवाह फैली थी तो मंडी पुलिस ने अपने स्तर पर ही जांच शुरू कर दी थी।

पेपर खरीदने वाले मामा-भांजा पहले कड़ी बने। इसके बाद पुलिस मनोज ठाकुर तक पहुंची, जिसने पांच दलालों को पेपर बेचने के लिए नियुक्त किया था। मनोज ठाकुर ने बिहार के समुद्रगुप्त चौधरी का नाम उगला। पुलिस ने बिहार में डेरा डाला तो लोकल पुलिस से पता चला कि समुद्रगुप्त बदमाश प्रवृति का शख्स हैै।

मामला उजागर होने के बाद समुद्रगुप्त चौधरी नेपाल भी भाग गया था, लेकिन खाकी ने उसे दबोच ही लिया। चौधरी करीब एक सप्ताह तक मंडी के एक लोकल होटल में रुका रहा था। एकत्रित की गई राशि को लेकर वापस लौट गया था। चौधरी ने प्रश्नपत्र उपलब्ध करवाने के सवाल पर पुलिस को अमन के नाम का खुलासा किया। अमन का सगा भाई भी इस रैकेट में शामिल है, जो फिलहाल शिकंजे में नहीं आया है।

अमन ने पहले पेपर बेचने को लेकर समुद्रगुप्त से सीधा संपर्क नहीं किया था। अपने दोस्तों के जरिए चौधरी को पेपर उपलब्ध करवाने की बात पहुंचाई थी। हालांकि, बाद में अमन ने चौधरी से सीधी डील भी की थी।

अमन के साथ जब पुलिस ने सख्ती की तो अरविंद का नाम सामने आया। अरविंद की गिरफ्तारी (Arresting) के बाद सुबोध कुमार का नाम पुलिस के सामने आ गया। आखिरी चरण में प्रिंटिंग प्रैस से सुधीर का नाम सामने आने के बाद पूरी परतें उधड़ गई। बता दें कि मंडी पुलिस की गिरफ्त में इस समय इस रैकेट से जुड़े 8 लोग हैं।

दरअसल, ऐसा बताया जा रहा है कि पुलिस ने बेहद ही होशियारी से इस जांच को आगे बढ़ाया। इस मामले में प्रश्न पत्र खरीदने वाले व दलालों को गिरफ्तार कर समय बर्बाद नहीं किया गया। बल्कि, टॉप से बॉटम तक चेन को बनाया गया। ये भी साफ हुआ है कि प्रश्न पत्र दिल्ली से लीक होने के बाद पहले पटना पहुंचा था।

इसके बाद बेहद ही शातिराना तरीके से इसे हिमाचल (Himachal) पहुंचाया गया। सूत्रों का ये भी कहना है कि तमाम आरोपी पहले भी कई प्रश्नपत्रों को लीक करने में संलिप्त रहे हैं। एक अनुमान ये भी जाहिर किया जा रहा है कि प्रश्नपत्र को लीक करने के बाद बेचने से लगभग 5 करोड़ रुपए की राशि एकत्रित की गई होगी।

आठों ही आरोपी दिल्ली व बिहार के रहने वाले हैं। बता दें कि मंडी पुलिस की जांच भी सीआईडी की एफआईआर (fir) के दायरे में है। कार्रवाई को लेकर तमाम इनपुट सीआईडी को दिए जा रहे हैं।

उधर, पुलिस मुख्यालय ने प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की है। इसके मुताबिक प्रिंटिंग प्रेस में पार्ट टाइम वर्कर सुधीर यादव ने इस पेपर को लीक किया था, जिसे गौतम कुमार व गोरे लाल के जरिए दिया गया था। गोरे लाल ओखला में एक निजी कंपनी में सुरक्षा कर्मी के पद पर तैनात है।

गौतम कुमार भारती ने गोरे लाल से प्रश्नपत्र लेकर अपने  भाई भरत यादव को भेजा था। सुधीर यादव, गोरे लाल व भरत यादव व अरविंद कुमार के बीच मध्यस्थता की भूमिका सुबोध कुमार ने निभाई थी। इस मामले का मास्टरमाइंड पुलिस ने फिलहाल बिहार के रहने वाले 42 वर्षीय अरविंद कुमार को माना है।

इस मामले में कुल 121 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। 10 लाख 34 हजार 900 रुपए की बरामदगी दलालों से की गई है। 6 कारें, 154 मोबाइल फोन, पांच लैपटॉप, एक बीवीआर, 10 हार्ड डिस्क, एक पेन ड्राइव, 3 मैमोरी कार्ड, एक जियो वाई फाई, उम्मीदवारों के 6 मूल शैक्षणिक प्रमाणपत्र, दो पास बुक, आरटीजीएस की ट्रांर्सेक्शन से जुड़े 18 पेज, 3 पैनकार्ड, 2 आधारकार्ड, 7 एटीएम, एक हाजिरी रजिस्टर, एक डायरी व  दिशा कोचिंग सैंटर से एग्रीमेंट की कॉपी को बरामद किया है।

गौरतलब है कि प्रश्नपत्र लीक करने के मामले में कांगड़ा में तीन कोचिंग सैंटर राडार पर हैं, जबकि ऊना पुलिस की राडार पर हरियाणा के रोहतक में स्थित भास्कर कोचिंग सैंटर है। इस मामले में संगठित गिरोह का संचालन बिहार, यूपी, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, दिल्ली व हिमाचल से करने की बात भी सामने आ रही है।

पुलिस मुख्यालय की विज्ञप्ति के मुताबिक पूरा केस सीबीआई को सौंपने के लिए भी दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं।

Filed Under: क्राइम, मुख्य समाचार, हिमाचल प्रदेश Tagged With: Himachal News In Hindi, Shimla News



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