बिलासपुर, 01 जून : हिमाचल प्रदेश के कई सरकारी स्कूलों की वर्षों पुरानी इमारतें डर का माहौल पैदा कर रही है। पिछले कई सालों से बच्चों को यहां मजबूरी में पढ़ना पड़ रहा है। कई खंडहर भवन जुगाड़ के सहारे चल रहे हैं तो कहीं उधार के भवनों में चल रहे हैं। सरकारी अस्पतालों की भांति सरकारी स्कूलों की दशा भी अत्यंत खराब है।
हिमाचल में एचआरटीसी की खटारा बसों के बाद अब सरकारी स्कूलों के खस्ताहाल की खबरें सामने आ रही है, जहां बच्चे खतरे के साए में पढ़ाई पूरी कर रहे हैं।
शिक्षा विभाग के बड़े-बड़े दावे श्री नैना देवी विधानसभा क्षेत्र के चिल्ट प्राथमिक स्कूल में खोखले दिखाई दे रहे हैं। मंगलवार रात तेज तूफान से स्कूल की टीननुमा छत उड़ गई। वहीं दूसरी ओर जो कमरे बने हैं, उन्हें उच्च अधिकारियों ने अनसेफ घोषित कर दिया था। स्कूल में 33 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों कि माने तो स्कूल का निर्माण लगभग 1967 में हुआ था। साथ में ही दो कमरे और बनाए गए हैं, इस कमरों का निर्माण 2005 में हुआ था, लेकिन कुछ सालों के बाद ही इन कमरों में भी दरारें आ गई। कुछ समय पहले स्कूल के कमरों में दरारें आ गई थी, जिसके चलते उच्च अधिकारियों ने इन कमरों को अनसेफ घोषित कर दिया था।
ऐसा लगता है कि शिक्षा विभाग व प्रदेश सरकार गहरी नींद में सोए हुए हैं। शायद किसी बड़े हादसे का इंतजार किया जा रहा है।
वहीं अभिभावकों में स्कूल के जर्जर भवन को लेकर रोष है। उन्हें हर पल अपने नौनिहालों की सुरक्षा की चिंता रहती है। अभिभावकों ने शिक्षा विभाग के साथ प्रदेश सरकार को इस और प्राथमिकता के तहत ध्यान देने का आग्रह किया है।