हमीरपुर, 01 जून : इसमें कोई दो राय नहीं है, आप जब वाहन में सफर करते हैं तो आपके जीवन की सुरक्षा पायलट (Pilot) के हाथों में होती है। ऐसे में अगर आपका वाहन चालक सरकारी नौकरी (Government Job) से रिटायर (Retire) होता है तो वो शानदार सम्मान का हकदार होता है।
शायद, यही पंक्तियां प्रारंभिक शिक्षा विभाग (Department of Elementary Education) के उपनिदेशक डॉ. संजय ठाकुर के जहन में भी आ गई। 19 साल की सेवाएं देने के बाद जब ड्राइवर राजकुमार रिटायर हुआ तो वो अपने चालक के ही सारथी बन गए।
ये सम्मान पाकर लाजमी तौर पर सेवानिवृत हो रहे चालक राजकुमार की आंखें भी भर आई थी। शिक्षा उपनिदेशक ने चालक राजकुमार को उस सीट पर बिठाया, जहां बैठकर वो अक्सर टूर पर जाया करते थे। चालक की सीट पर खुद बैठे। ये दृश्य (Scene) वास्तव में ही दिल को छू लेने वाला था।
हालांकि विदाई समारोह में रिटायर ड्राइवर (Driver) को समूचे स्टाफ ने गिफ्ट दिए, लेकिन शिक्षा उपनिदेशक का अनोखा गिफ्ट न केवल दंग करने वाला था, बल्कि उन अधिकारियों के लिए भी एक प्रेरणा है जो अपने अधीनस्थ कर्मचारियों से सौम्य व्यवहार नहीं करते।
ड्राइविंग सीट पर पति के बॉस को बैठा देख पत्नी माया देवी भी हैरान थी। घर पहुंचने पर सेवानिवृत कर्मचारी ने भी शिक्षा उपनिदेशक की मेहमान नवाजी में कोई कोर कसर नहीं रखी।
बता दें कि मूलतः चंबा से ताल्लुक रखने वाला ड्राइवर राजकुमार एक अरसे से हमीरपुर में ही किराए के मकान में परिवार सहित रह रहा है। शिक्षा उपनिदेशक ने सारथी बनकर उसे इसी घर तक पहुंचाया।