शिमला, 24 मई : हिमाचल में हुए संगठित अपराध पेपर लीक के तार राजस्थान, बिहार, यूपी, हरियाणा और दिल्ली से जुड़े है। हिमाचल में पुलिस भर्ती के पेपर लीक करने वाले अन्य राज्यों में भी इस तरह के संगठित अपराध में शामिल रहे है।
हिमाचल पुलिस भर्ती के पेपर लीक केस की जांच में ये खुलासा होने के बाद अब राज्य के डीजीपी ने बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा के पुलिस महानिदेशकों के साथ दिल्ली के पुलिस आयुक्त से सहयोग मांगा है। एसआईटी ने अब तक इस मामले की जांच में दलालों से 10,34,900 रुपये और 6000 नेपाली रुपये, 5 कारें,137 मोबाइल फोन, 14 लैपटॉप, 1 डीवीआर,10 हार्ड डिस्क, 1 पेन ड्राइव 3 मेमोरी कार्ड व एक जियो.फाई बरामद किया है। ,
दलालों से उम्मीदवारों के मैट्रिक और प्लस टू के मूल प्रमाण पत्र , एक पासबुक, 2 चेक बुक्स, तीन पैन कार्ड, दो आधार कार्ड, सात एटीएम कार्ड, एक उपस्थिति रजिस्टर और 1 रफ रजिस्टर, एक विजिटर रजिस्टर, विजिटर रजिस्टर की एक फोटो कॉपी और आधार की दो फोटो कॉपी, एक डायरी,हवाई टिकट की फोटो कॉपी, आईडी और व्हाट्स एप चैट का स्क्रीन शॉट, एक डिजिटल घड़ी को भी बरामद किया है।
डीजीपी संजय कुंडू का कहना है कि कागज रिसाव देश में संगठित अपराध बन चुका है। प्रदेश पुलिस एसआईटी की जांच में सामने आया है कि मास्टर माइंड द्वारा अपराध में लैपटॉप, कंप्यूटर, मोबाइल,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य तकनीकों का उपयोग किया गया हैं। संगठित अपराध को रोकने के लिए तमाम राज्यों की पुलिस को सहयोग करने की जरूरत है।
संजय कुंडू ने दावा किया है कि एसआईटी कि जांच महत्वपूर्ण चरण में पहुंच चुकी है। जल्द ही मामले में संलिप्त मुख्य सरगानाओं को बेनकाब कर दिया जाएगा। इसी कड़ी में एसआईटी की अलग-अलग टीमें विभिन्न स्थानों पर दबिश दे रही है।
बता दे कि पेपर लीक केस में अब तक 91 से अधिक गिरफ्तारियां हो चुकी है। प्रदेश के 8 जिलों से पेपर लीक केस में तार जुड़ चुके है।
एसआईटी ने मामले की जांच को लेकर 6 टीमों को गठन किया है ताकि जल्द सभी आरोपियों पर शिंकजा कस जा सके। सरकार इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की भी सिफारिश कर चुकी है। ऐसे में पुलिस विभाग द्वारा पूरे दस्तावेज भी तैयार किए जा रहे है ताकि सीबीआई द्वारा केस हाथ में लेते ही पूरा रिकॉर्ड भी समय रहते ही उपलब्ध करवा दिया जाए।