शिमला, 24 मई : राजधानी शिमला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से एक दिन पहले एचआरटीसी चालक बस सेवा को ठप कर सकते हैं। दरअसल मांगों को लेकर पिछले कई दिनों से गेट मीटिंग कर रहे और आंदोलन की चेतावनी के बाद मंगलवार को निगम प्रबंधन ने ड्राइवर यूनियन को वार्ता के लिए बुलाया था। लेकिन ड्राइवर यूनियन के साथ निगम प्रबंधन की वार्ता विफल रही है।

ऐसे में ड्राइवर यूनियन अभी भी अपने फैसले पर अडिग है और 30 मई को प्रदेश में काम छोड़ो आंदोलन का फैसला अभी भी बरकरार है। 30 मई को पूरे प्रदेश में एचआरटीसी की बसें नहीं चलेंगी इसके कारण प्रदेश के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ड्राइवर यूनियन और निगम प्रबंधन के बीच हुई बातचीत के दौरान एचआरटीसी के कर्मचारियों को छठा वेतन आयोग देने पर सहमति तो बनी लेकिन अन्य भत्तों की अदायगी पर सहमति नहीं बन पाई।
36 महीनों से एचआरटीसी ड्राइवर कंडक्टर को नाइट ओवर टाइम नहीं मिल पाया है। उन्होंने बताया है कि अगर 29 मई से पहले उनकी मांगों को नहीं माना जाएगा तो फिर 30 मई को बसें न चलाने का फैसला टाला नहीं जाएगा। यूनियन पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि सरकार व निगम प्रबंधन की ओर से एचआरटीसी के कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
प्रदेश के अन्य विभागों में जहां छठे वित्तआयोग की सिफारिशों को लागू कर दिया गया है, तो वहीं एचआरटीसी कर्मचारियों के लिए अभी तक छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं किया गया है। वहीं पिछले कई वर्षो से लंबित वित्तीय मांगों को भी पूरा नहीं किया जा रहा है।