रोनहाट, 24 मई : बीते कुछ दिनों से अधिक ऊंचाई वाले पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी और मैदानी इलाकों में हो रही बारिश ने मई के गर्म महीने में भी तापमान का पारा लुढ़का दिया है। जिसके चलते लोगों को अलमारियों में रखे ओढ़ने व पहनने वाले सर्दी के गर्म कपड़े निकालने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
मौसम ने मई के गर्म महिनें में अचानक कुछ इस तरह करवट ली कि 11,965 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित सिरमौर जिला की सबसे ऊंची चोटी और लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र चूड़धार मंदिर में 4 से 5 इंच बर्फ की सफेद चादर बिछा कर हर किसी को हैरान कर दिया।
शिमला, सोलन और उत्तराखंड राज्य की सीमा पर बसे सिरमौर जिला के रोनहाट कस्बे में भी तापमान का पारा 33 डिग्री से लुढ़क कर मंगलवार को 16 डिग्री दर्ज किया गया। बीते 3 महीनों से लोगों द्वारा अपने घरों में गर्मी से राहत पाने के लिए चलाए जा रहे पंखे और एयर कंडीशनर को बंद करके अब हीटर और अलाव का सहारा लिया जा रहा है।
लाला मनी राम पराशर, पंडित सुरजन शर्मा, ग्यार सिंह राणा आदि स्थानीय बुजुर्गों ने बताया कि करीब छह दशकों के बाद उन्होंने मई के गर्म महीने में इस प्रकार से ठंड को महसूस किया है। उन्होंने बताया कि अब तो उन सभी की उम्र भी सौ वर्ष के आसपास हो गई है मगर मौसम का ऐसा अद्भुत मिजाज वो भी केवल दूसरी बार देख रहे है जब कई महीनों की प्रचंड गर्मी के बाद अचानक ठिठुरन भरी ठंड का मौसम आ गया हो।
आपको बताते चले की बारिश और बर्फबारी से बरसाती नालों और ठंडे पानी के चश्मों में फिर से पानी चलना शुरू हो गया है। वहीं शिमला-मिर्च, फ्रांसबीन, टमाटर आदि की खड़ी फसलों के लिए भी ये बारिश फायदेमंद साबित होगी जबकि मक्की की बुआई के लिए बारिश से जमीन का नमीदार होना बेहतर माना जा रहा है।
उधर, शिलाई के बीएमओ डॉ. अभय राणा ने मौसम की अचानक करवट लेने पर लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि पानी को खूब उबालने के बाद ठंडा होने दे और उसके बाद उसका सेवन करे। ठंडे पेय का प्रयोग न करे और सर्दी और भीगने से अपना बचाव करने का आग्रह किया है।