नाहन, 22 मई : जज्बा, जुनून, लग्न, मेहनत और भाग्य के साथ-साथ सरकारी योजनाओं की जानकारी के साथ आर्थिक मदद मिले तो बेरोजगार युवा स्वावलंबी बन सकता हैं। युवाओं में कौशल विकास तथा स्वरोजगार सृजन के अतिरिक्त उन्हें स्वावलंबी बनाने के लिए हिमाचल में मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना (Mukhyamantri Swavalamban Yojana) क्रियान्वित की जा रही है।
मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना से 36 वर्षीय राकेश कुमार पुत्र जैसी राम गांव हरिपुर पांवटा साहिब ने सपनो के पंख लगा लिए है। परिवार की आर्थिक स्थिति (economic condition) ठीक न होने के कारण राकेश 12वीं तक ही शिक्षा ग्रहण कर पाया। सपना था कि वह स्वरोजगार के साधन सृजित कर परिवार के साथ बेहतर जीवन यापन कर सकें, लेकिन धन के अभाव की वजह से कोई भी व्यवसाय नहीं कर पा रहे थे।
राकेश कुमार ने पारिवारिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कई वर्षों तक एक निजी कंपनी में कार्य किया, लेकिन कोरोना महामारी के कारण देश में लॉकडाउन (Lockdown) लग गया, जिससे कम्पनी ने वेतन आधा कर दिया। बस यही समय था, जब उन्होंने ठाना कि निजी कम्पनी (Private Company) में नौकरी न करके स्वयं का व्यवसाय (own business) शुरू करेगें।
राकेश कुमार ने सरकारी योजनाओं के सम्बन्ध में नाहन में जानकारी इकट्ठी की। उन्हें जिला उद्योग केंद्र से मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना (Mukhyamantri Swavalamban Yojana) की जानकारी मिली तथा इसके सम्बन्ध में औपचारिकताएं पूर्ण कर 22 लाख रुपये की कार्य योजना स्वीकृत (action plan approved) करवाई।
इस योजना के तहत 6.25 लाख रुपये का उपदान मिला है। उन्होंने जिला सिरमौर के माजरा में राजवी साल्वेंट प्रा0 लिमिटेड नाम से अक्तूबर 2020 में कार्य आरम्भ किया तथा टॉयलेट क्लीनर, वाशिंग पाउडर, फिनाइल, डिशवाश तथा हैंडवाश इत्यादि उत्पाद निर्मित करने आरम्भ कियें।
राकेश कुमार बताते हैं कि उनकी कंपनी में 10 से 12 बेरोजगार युवाओं (unemployed youth) को रोजगार उपलब्ध करवाया गया है। उनके उत्पाद उतराखण्ड, पांवटा साहिब, नाहन तथा स्थानीय स्तर (local Areas) पर घर-घर जाकर बेचे जा रहे हैं, जिनसे उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है।
उद्योग विभाग (Industry Department) के महाप्रबन्धक ज्ञान सिंह चौहान ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा सिरमौर में अब तक मुख्यमंत्री स्वाबलम्बन योजना के तहत 567 इकाईयों को स्थापित कर 19 करोड़ 59 लाख रूपये अनुदान के रूप में प्रदान किये गये हैं। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भी इस योजना में 315 लाभार्थियों को ऋण (Loan) प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है।