सोलन, 22 मई : कड़ी मेहनत व लगन एक ऐसी चाबी है जिससे सफलता का ताला खुलता है। एक बार असफल होने पर यदि आप मायूस नहीं होते और कड़ी मेहनत जारी रखते हैं तो एक न एक दिन आप अपनी मंजिल तक पहुंच जाएंगे। बेशर्तें आप अपने लक्ष्य के प्रति अटल हो।
सोलन जिला के कुनिहार की बेटी बलजीत कौर ने भी कुछ ऐसा ही कर दिखाया हैं। बलजीत कौर ने ठान लिया था कि दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट को फतह करना हैं। इसी लक्ष्य से 2016 में भी बलजीत कौर माउंट एवरेस्ट मिशन में शामिल हुई थीं, लेकिन उस दौरान ऑक्सीजन मास्क खराब होने की वजह से उसे वापस लौटना पड़ा था। उस वक़्त बलजीत 8848.86 मीटर उंची माउंट एवरेस्ट से महज 300 मीटर की दूरी से चूक गई थी। लेकिन बलजीत ने हौंसला नहीं छोड़ा।
बलजीत कौर 17 मई 2022 को रात 10 बजे अपने दल के साथ माउंट एवरेस्ट के लिए रवाना हो गई। पांच दिन के संघर्ष के बाद बलजीत कौर ने यह मुकाम हासिल कर लिया। उन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को फतह कर यह साबित कर लिया कि यदि आप अपने लक्ष्य के प्रति अटल हो तो दुनिया की कोई ताकत आपको इसे हासिल करने से नहीं रोक सकती।
बता दें कि इससे पहले बलजीत कौर ने 28 अप्रैल 2022 को 8091 मीटर ऊंचे माउंट अन्नपूर्णा को फतह किया, जबकि 12 मई 2022 को बलजीत ने 8566 मीटर उंचे माउंट कंचनजंगा को फतह किया। बलजीत कौर के साथ उनके गाईड मिगमा शेरपा भी थे।
बलजीत कौर को एवरेस्ट से वापस आने में अभी तीन दिन का समय लगेगा। बलजीत कौर के बुलंद हौसले की बदौलत ही इतनी बड़ी सफलता उनके हाथ लगी है। बलजीत कौर के परिजन अब उनके घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं और उनके स्वागत की तैयारियां चल रही हैं।