शिमला, 21 मई : नवनियुक्त राज्यसभा सांसद डॉ. सिकंदर कुमार ने कहा है कि कांग्रेस केवल प्रतिशोध की राजनीति में विश्वास करती है, जहां उन्होंने मुझे कुलपति के पद से हटाने की कोशिश की, उन्होंने मेरे खिलाफ हिमाचल के पूर्व महाधिवक्ता श्रवण डोगरा को काम पर रखा था। बाद में इस मामले को हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय में डबल बेंच ने खारिज कर दिया।
डॉ. सिकंदर कुमार शनिवार को शिमला के गेयटी थियेटर में भाजपा जिला अनुसूचित जाति मोर्चा शिमला द्वारा उनके सम्मान में आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे।’
अपनी नियुक्ति पर राष्ट्रीय नेतृत्व को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि मेरे पूरे हिमाचल दौरे के दौरान जहां मैंने प्रतिदिन 30 बैठक में भाग लिया, यह देखा गया कि गांव, शहर और हिमाचल के लोग पूरी तरह से भाजपा के पक्ष में हैं।
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में हिमाचल की आम जनता ने मुझे प्यार और आशीर्वाद दिया है और जो प्यार मुझे मिला है, उसे मैं कभी नहीं चुका पाऊंगा। जब मुझे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने मेरे राज्यसभा चयन के बारे में बताया तो मुझे उस पर विश्वास नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि हम पार्टी के सिपाही हैं और हम अपने संगठन के आदेशों का पालन करते हैं, नुकसान के बारे में सोचे बिना मैने कुलपति और प्रोफेसर पद से इस्तीफा दे दिया।
यह केवल भाजपा में ही संभव है कि कोई व्यक्ति पद के लिए पैरवी किए बिना नेता और राज्य सभा संसद सदस्य बन सकता है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल में पहली बार एक व्यक्ति अनुसूचित जाति वर्ग और एक कुलपति को राज्यसभा सदस्य बने हैं, यह ऐतिहासिक है।
सिकंदर कुमार ने कहा कि यह भाजपा में ही संभव है कि एक चाय बेचने वाला भारत का प्रधान मंत्री बन सकता है, एक मिस्त्री का बेटा हिमाचल का मुख्यमंत्री बन सकता है और एक किसान का बेटा विश्व की सबसे बड़ी पार्टी, भाजपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है।