शिमला, 21 मई : हिमाचल प्रदेश में कम आयु वाले युवा हार्ट अटैक की चपेट में आ रहे हैं। तंबाकू के सेवन करने से युवाओं को हार्ट अटैक पड़ रहा है। आईजीएमसी में सालाना 3500 से चार हजार के बीच हार्ट अटैक के मरीज आते है। हार्ट अटैक से 100 में से 7.8 प्रतिशत लोगों की मौतें हो जाती है। आईजीएमसी में एक दिन में 6 से सात मरीज हार्ट के आते है।
आईजीएमसी कार्डियोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. पीसी नेगी ने शनिवार को शिमला में प्रेस वार्ता में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हार्ट अटैक का मुख्य कारण तंबाकू का सेवन करना व डाईट में बदलाव होना है। अगर किसी मरीज को हार्ट अटैक पड़ता है, तो उसे 1 से 2 घंटे के अंदर अस्पताल पहुंचाए। उन्होंने कहा कि ज्यादातर मामलों में हार्ट अटैक का मरीज देरी से अस्पताल लाया जाता है। इस वजह से कई मरीज जान गंवा चुके हैं।
मरीज को इस समय अवधि के अंदर अस्पताल पहुंचा लिया तो उसे तीन फायदे होगे। एक तो मरीज की जान बचेगी, दूसरी ओर मरीज को समय पर इंजैक्शन लगेगा, तीसरा फायदा यह है कि मरीज को स्टंड भी नहीं डलेंगी। आजकल हार्ट अटैक बीमारी में बढ़ौतरी हो रही है। कई मरीज हार्ट अटैक से जान गवां चुके है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी बीमारी है अगर समय रहते किसी मरीज को अस्पताल न पहुंचाया जाए तो इससे मौत हो जाती है। इस बीमारी को लेकर अब चिकित्सक भी अर्लट हो गए है। हार्ट अटैक के मरीजों को पैनेक्टीप्लेज इंजैक्शन लगता है जो कि 45 हजार रुपए का होता है, लेकिन सरकार ने अस्पतालों में यह इंजेक्शन निशुल्क किया है।
नेगी ने बताया कि डॉक्टरों द्वारा जिला शिमला के आईजीएमसी में 2 सालों के अंदर 600 मरीजों का उपचार किया गया है। जिला में आईजीएमसी के साथ 20 सैंटरों को लिंक किया गया है। ताकि समय रहते ही मरीजों का उपचार शुरू हो सके। उन्होंने बताया कि मरीज को पैनेक्टीप्लेज इंजैक्शन की 40 मिलीग्राम डोज दी जाती है। अब एक और राहत वाली बात यह है कि अब तो ब्रेन स्ट्रोक के मरीज की जान बचाने के लिए भी पैनेक्टीप्लेज को शुरू कर दिया है। ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को इसकी 20 मिलीग्राम डोज दी जाती है। डाक्टरों का मानना है कि इस इंजेक्शन से मरीज की जान बचाई जा रही है।
डाक्टरों का कहना है कि सुबह के समय में हार्ट अटैक पडने की ज्यादा संभावना होती है। वैसे दिन के समय व रात को भी हार्ट अटैक पड़ता है। इन दिनों अस्पताल में मरीजों का आना जारी है। डॉक्टर भी मरीजों को देखने में कोई कोताही नहीं बरत रहे है। लोगों को सरकार द्वारा हार्ट अटैक से बचने के लिए दी जा रही निशुल्क सुविधा का लाभ उठाना चाहिए।
हार्ट सर्जरी से नहीं डरे लोग
डॉक्टर पीसी नेगी ने कहा कि इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को अब हार्ट सर्जरी के नाम से नहीं डरना चाहिए, क्योंकि इसमें होने वाले खतरे काफी हद तक कम हो गए हैं। अब स्किल्स बेहतर हो गई है और तकनीक बहुत एडवांस्ड है। डॉक्टर, कार्डियोलॉजिस्ट, कार्डियक सर्जस, फिजिशियन और बाकी स्पेशलिस्ट मरीज पर एक टीम की तरह काम करते हैं। बीटिंग हार्ट सर्जरी, मिनिमल इनवेसिव सर्जरी, रोबोटिक सर्जरी जैसी एडवांस तकनीक और आर्टिफिशल हार्ट की उपलब्धता ने रिस्क और भी कम कर दिया है। इसलिए किसी भी लोगों को हार्ट सर्जरी से नहीं डरना चाहिए।