शिमला, 21 मई : मशहूर अभिनेता ‘राज कपूर’ का वो गीत…‘किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसार…जीना इसी का नाम है’, 1959 में फिल्म अनाड़ी (Anari Movie) का हिस्सा था। 63 साल बाद इस गीत को हिमाचल पुलिस (Himachal Police) की परोपकारी लेडी कांस्टेबल बिंदू (Lady Constable Bindu) ने रियल लाइफ में सार्थक कर दिखाया है।
मानवता की अनोखी मिसाल की चर्चा सोशल मीडिया में बदस्तूर जारी है। किस्सा, चंद रोज पहले का है। दिल को छू देने वाले इस मानवता की मिसाल के किस्से ने इस बात को भी साबित किया है कि आपकी मदद करने की इच्छा होनी चाहिए, ये जरूरी नहीं कि आपकी जेब में कुछ हो।
डयूटी को पूरा करने के बाद कांस्टेबल बिंदू शिमला के रिज मैदान पर टहलने पहुंची थी। अचानक पाया कि एक बुजुर्ग प्रैम ट्राली (Pram or Baby Stroller) में बच्चे घुमाने में असमर्थ थे। बुजुर्ग के चेहरे पर चिंता की लकीरें थी कि अगर वो कुछ कमाएगा नहीं, तो घर का चूल्हा नहीं जल पाएगा।
लेडी कांस्टेबल ने मानों बुजुर्ग के दिल की बात को महसूस कर लिया। तुरंत ही एक फैसला लिया। तपाक से बुजुर्ग के पास पहुंच कर बोली, आप आराम से बैठिए…मुझे अपना प्रैम दे दीजिए।
इसके बाद वो कुछ ऐसा करने निकल पड़ी, जो अपने आप में एक मिसाल बन गया है। लेडी कांस्टेबल बिंदू ने जगह-जगह से आए पर्यटकों के बच्चों को रिज पर घुमाना शुरू कर दिया। इसके बदले जो पैसे मिलते रहे, उसे एकत्रित करती रही।
लेडी कांस्टेबल की ऐसी परोपकारी सोच देखकर पर्यटक दंग रह गए। वो बिंदू के साथ सेल्फियां भी खींचने लगे। कुछ ही देर बाद लेडी कांस्टेबल के पास कमाई के करीब 1100 रुपए एकत्रित हो चुके थे। खुशी-खुशी लौटकर बुजुर्ग को प्रैम लौटाते हुए 1100 रुपए भी थमा दिए।
सोचिए, उस बुजुर्ग के लिए से लेडी कांस्टेबल के लिए कितनी दुआएं निकली होंगी। गौरतलब है कि लेडी कांस्टेबल का ये परोपकारी किस्सा, उस समय सामने आया था, जब अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी (international kabaddi player) व डीएसपी अजय ठाकुर (DSP Ajay Thakur) ने मौके की तस्वीरों को शेयर किया था।
लेडी कांस्टेबल का एक मानवीय चेहरा मंडी बस हादसे में भी सामने आया था। घायलों की मदद से खासी चर्चा में आई थी। पुलिस महानिदेशक (DGP) ने लेडी कांस्टेबल (Lady Constable) को मानवता की मिसाल पेश करने पर सम्मानित भी किया था। लेडी कांस्टेबल बिंदू का परोपकारी स्वभाव इस बात का भी संकेत है कि संस्कार घर से ही मिले होंगे।
मानवता की मिसाल के कई मामले सामने आते रहते हैं, लेकिन ये लीक से हटकर भी है, क्योंकि यहां बुजुर्ग की ऐसे तरीके से मदद की गई, जिससे उनके स्वाभिमान को भी ठेस न पहुंचे। साथ ही उनके घर का चूल्हा भी जल जाए। मानवता की इस मिसाल ने ये भी साबित किया है कि अगर आपके मन में किसी की मदद की इच्छा हो तो रास्ता खुद-ब-खुद निकल आता है।