मंडी, 20 मई : सरकाघाट में 19 साल के धीरज की चिट्टे के सेवन के बाद मौत हो गई थी। डर के मारे उसके दोस्तों ने उसका शव खड्ड में दफना दिया था। परिजनों ने धीरज के लापता होने की रिपोर्ट लिखवाई थी। 14 दिन बाद धीरज की लाश को खड्ड के किनारे से निकाला गया था। अब मामले में और खुलासा हुआ है।
सरकाघाट पुलिस ने मामले में पंजाब के होशियारपुर में दबिश दी है, क्योंकि धीरज और उसके दोस्त होशियारपुर से ही चिट्टा खरीदकर लाए थे। हालांकि, सरकाघाट पुलिस को होशियारपुर से खाली हाथ लौटना पड़ा है, क्योंकि दोनों युवकों को चिट्टा बेचने वाला शख्स पुलिस के आने से पहले ही फरार हो गया था।
मामले में पता चला है कि आईटीआई समीरपुर के प्रशिक्षु धीरज ठाकुर और उसका दोस्त चिट्टा लाने के लिए 26 अप्रैल को होशियारपुर गए। वहां से तीन ग्राम चिट्टा खरीदा और उसी रात घर लौटे आए। पुलिस पूछताछ में पारुल ने होशियारपुर से चिट्टा लाने की बात मानी है।
दोस्तों ने मिलकर किया था नशा… पारुल ने अपने घर में चिट्टे का नशा करने के लिए अपने दोस्त दीक्षांत व प्रिंस को भी बुलाया था। चारों ने मिलकर नशा किया। 27 अप्रैल की सुबह धीरज ठाकुर की मौत हो गई थी। पारुल ने धीरज के शव को बोरी में लपेट घर के समीप झाड़ियों में पत्ते आदि डालकर छिपा दिया। पारुल ने दीक्षांत और प्रिस को धीरज ठाकुर की मौत होने की जानकारी दी थी। इस पर रात को दीक्षांत अपनी कार लेकर आया था।
धीरज ठाकुर के शव को झाड़ियों से निकाल कर धर्मपुर के नलयाणा में ले गए और वहां बक्कर खड्ड में गड्ढे में शव के ऊपर रेत और पत्थर डाल दिए थे। पुलिस आरोपी पारुल की मां से भी पूछताछ कर रही है। दीक्षांत की कार, मोबाइल फोन और सिम अपने कब्जे में लिया गया है।
नेरचौक मेडिकल कालेज में धीरज के शव का पोस्टमार्टम करने वाले फॉरेंसिक मेडिसिन विशेषज्ञों ने पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में मौत के कारण स्पष्ट नहीं हैं और बिसरा रिपोर्ट से कारणों का पता चलेगा। चार दिन का पुलिस रिमांड समाप्त होने पर तीनों आरोपियों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा।
तिलक राज शांडिल्य, एसडीपीओ सरकाघाट ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ चल रही है. उन्होंने होशियारपुर से चिट्टा लाने की बात मानी है। फिलहाल, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण नहीं बताया गया है।