शिमला, 18 मई : मशोबरा के सीपुर मेले में बीते दिनों मुख्यमंत्री द्वारा कुसुम्पटी विस के विधायक के बारे में की गई टिप्पणी पर सियासी घमासान मच गया है। सीएम ने संबोधन में कहा था कि कुसुम्पटी के विधायक उनके पास क्षेत्र के विकास के बारे में कभी नहीं आते, जिससे प्रतीत होता है कि कुसुम्पटी में विकास की जरूरत नहीं है।
सीएम के इस बयान पर भाजपा मंडल अध्यक्ष जितेन्द्र भोटका ने बताया कि बीते 20 वर्षों से कुसुम्पटी विस में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व है। यदि कांग्रेस ने कार्य किया होता तो निर्वाचन क्षेत्र विकास का मॉडल बन सकता था। आरोप है कि कांग्रेस पार्टी ने कुसुम्पटी क्षेत्र की भोली-भाली जनता को झूठे सब्जबाग दिखाए हैं, जिसे लोग भली-भांति जान चुके है, इसका जवाब लोग विधानसभा चुनाव मेें देंगे।
दूसरी ओर किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. कुलदीप तंवर द्वारा जारी बयान में बताया कि कुसुमपट्टी निर्वाचन क्षेत्र विकास की दृष्टि से प्रदेश में सबसे पिछड़ा क्षेत्र है। उन्होंने हैरानी प्रकट करते हुए कहा कि कुसुम्पटी विस में करीब 200 सड़कें एफसीए की मंजूरी न मिलने के कारण अधूरी पड़ी है। जबकि ठियोग के माकपा विधायक द्वारा अपने कार्यकाल में 117 एफसीए केस क्लीयर करवाए हैं।
बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य क्षेत्र की यह स्थिति है कि कुसुम्पटी विस के किसी भी स्वास्थ्य संस्थान में 108 एंबुलेंस सुविधा नहीं है। यही नहीं स्टाफ की कमी के चलते किसी भी अस्पताल में फ्री लैब टेस्ट नहीं हैं जिसके चलते लोगों को सरकार की निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। सड़कों की हालत बहुत दयनीय है।
कुसुम्पटी विस का एक मात्र डिग्री कॉलेज कोटी बीते आठ वर्षों से प्राईमरी स्कूल के भवन में चल रहा है। आलम यह है कि क्षेत्र के किसी भी स्कूल में सुविधाओं के अभाव में साइंस विषय नहीं पढाया जाता है। कुसुम्पटी कांग्रेस मंडल के अध्यक्ष रामकृष्ण शांडिल ने सीएम के साथ विधायक का फोटो जारी करते हुए कहा कि शायद सीएम की याददाश्त कम हो गई है।