नाहन, 13 मई : ऐतिहासिक शहर में शिक्षित तबके के घरों से गलियों में गंदगी के ढेर लग रहे हैं। इस बात के साक्ष्य वार्ड नंबर 7 में दोबारा मिले हैं। इस वार्ड में जागरूक लोगों ने इस बात को ठान लिया है कि गलियों में गंदगी नहीं फैलने देंगे।
इसी कारण गंदगी के ढेर में सुराग ढूंढने का आग्रह रेहड़ी में कूडा एकत्रित करने वालों से किया जाता है। शुक्रवार को ‘मदन सिंह’ के घर के कूड़े के सबूत मिले। इस कूड़े में मदन सिंह द्वारा शहर के ही एक निजी स्कूल में बच्चों की फीस की रसीदें मिली हैं। नगर परिषद बेहद ही आसानी से मदन सिंह को लोकेट कर सकती है। इसके बाद ही दूध का दूध, पानी का पानी होगा कि क्या उनके घर से गंदगी एकत्रित करने के बाद सफाई कर्मी ने उसे फैंका है या वो खुद दोषी हैं।
हालांकि, पहला शक निजी सफाई कर्मियों पर ही है, लेकिन अगर नगर परिषद गंभीरता दिखाए तो शहर की गलियों को एक पल में ही काफी हद तक सुधारा जा सकता है। निजी घरों में काम करने वाली महिला सफाई कर्मियों पर ही अगर नकेल कस दी जाए तो काफी कुछ बदल सकता है।
अहम बात ये भी है कि वार्ड नंबर 7 के कुछ हिस्सों में गंदगी के ढ़ेर में कमी आने के कारण बंदरों की टोलियां भी उत्पात मचाने नहीं आ रही। दीगर है कि हाल ही में एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने इस बात का खुलासा किया था कि हवाई जहाज में घूमने वालों के घरों से कूड़े के ढ़ेर गलियों में फैंके जा रहे हैं। इस मामले में भी साक्ष्य होने के बावजूद नगर परिषद ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
उधर नगर परिषद के सेनेटरी इंस्पेक्टर सुलेमान ने कहा कि तत्काल ही तमाम जमादारों को इस बात के निर्देश दिए जाएंगे कि गली में मिलने वाले कूड़े से घरों का पता लगाया जाए, ताकि उन्हें चालान सौंपा जा सके।
कुल मिलाकर साक्ष्य ढूंढने का बेहद ही आसान तरीका होने के बावजूद नगर परिषद शहर को कचरा मुक्त करने में असफल साबित हो रही है।