नाहन, 12 मई : हिमाचल प्रदेश में पुलिस पेपर लीक मामले में शक के घेरे में चार अभ्यर्थी आए हैं। पुलिस अधीक्षक ओमापति जम्वाल ने एसआईटी का गठन किया हुआ है। इस टीम का नेतृत्व पांवटा साहिब के डीएसपी वीर बहादुर कर रहे हैं। इस टीम में संगड़ाह के तेजतर्रार डीएसपी शक्ति सिंह के अलावा चार पुलिस कर्मियों को भी शामिल किया गया है।
हालांकि, आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की जा रही, लेकिन बताया जा रहा है कि एसआईटी ने शक के घेरे में आए चार अभ्यर्थियों से पूछताछ शुरू कर दी है। फिलहाल परीक्षा में 70 से अधिक अंक लेने वाले जांच के दायरे में हैं। इनकी संख्या 10 से कम बताई जा रही है।
चूंकि जिला में पुलिस पेपर लीक मामले में कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं है, लिहाजा ये माना जा रहा है कि जिला स्तर पर गठित एसआईटी द्वारा जांच की जानकारी से डीआईजी मधुसूदन के नेतृत्व में गठित एसआईटी को दी जाएगी या फिर सीआईडी से इनपुट शेयर किए जा सकते हैं।
गौरतलब है कि कांगड़ा जिला में मामला दर्ज होने के बाद 7 मई को सीआईडी ने भराड़ी थाना में मामला दर्ज किया था। सीआईडी की एफआईआर का दायरा पूरा प्रदेश रखा गया। सूत्रों का ये भी कहना है कि सीआईडी का अधिकारी भी सिरमौर में पेपर लीक मामले में एक टूर कर चुका है।
बता दें कि आर्म्ड पुलिस एंड ट्रेनिंग के आईजी के पद से हटाए गए आईपीएस जेपी सिंह ने मार्च 2007 से 2009 तक सिरमौर में बतौर पुलिस अधीक्षक सेवाएं दी हैं। दूसरी बार भी बतौर एसपी पोस्टिंग हुई थी। दूसरा टर्म 3-4 महीने का ही रहा था।
बताया ये भी जा रहा है कि ओबीसी कैटेगरी के एक कैंडिडेट ने 70 अंक हासिल किए, जबकि सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी को 72 अंक प्राप्त हुए। इसके अलावा एसटी से ताल्लुक रखने वाले एक उम्मीदवार ने 71 अंक प्राप्त किए हैं।
उधर, एसपी सिरमौर ओमापति जम्वाल ने केवल एसआईटी के गठित होने की पुष्टि की है। एसपी ने कहा कि कुछ उम्मीदवारों से पूछताछ की गई है। विस्तृत जानकारी को इस वक्त साझा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि अगर किसी के पास इस संबंध में कोई जानकारी या साक्ष्य हो तो सीधे उन्हें भी अवगत करवाया जा सकता है। एसआईटी से भी संपर्क हो सकता है।