शिमला, 08 मई : हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला तपोवन में विधानसभा गेट पर खाली स्थान के झंडे लगाने के मामले की जांच एसआईटी करेगी। प्रदेश प्रमुख संजय कूंडू ने इस अतिसंवेदशील मामले की जांच करने के लिए छह सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है।
डीजीपी की तरफ से एसआईटी डीआईजी संतोष पटियाल के नेतृत्व में गठित की गई है, जिसमें एएसपी कंगड़ा पुनीत रघु, एसडीपीओ ज्वालाजी चन्द्र पाल, शुशांत शर्मा डीएसपी सीआईडी मंडी, सिद्धार्थ शर्मा एसडीपीओ ज्वाली, एसएचओ धर्मशाला राजेश कुमार, एसआई नारायण सिंह के कमेटी के सदस्य होंगे। डीजीपी संजय कुंडू ने कहा कि एसआईटी खालिस्तान का झंडा लगाने के मामले की जांच करेगी और समय समय पर जांच की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजती रहेगी।
बता दें कि प्रदेश धर्मशाला तपोवन में विधानसभा के मुख्य द्वार और चारदीवारी पर रविवार सुबह खालिस्तान के झंडे लगे मिले। इन झंडों पर खालिस्तान लिखा हुआ था। मामला सामने आने के बाद इन्हें पुलिस ने मौके पर जाकर उतार दिया। पुलिस ने बताया कि यहां के स्थानीय लोगों ने अल सुबह विधानसभा के मेन गेट पर काले झंडे लगने की सूचना दी। मामले की जांच जारी है।
खालिस्तानी झंडे के लगाने से जुड़ा एक वीडियो वायरल हो रहा है। ये वीडियो विधानसभा भवन के बाहर गेट का है जहां पर खालिस्तानी झंडे नजर आ रहे हैं। ये झंडे किसने लगाए इसकी जांच पड़ताल चल फिलहाल पुलिस स्थानीय लोगों से पूछताछ कर ये पता लगाने में जुटी है कि आखिर ये झंडे किसने और क्यों लगाए है।
इस बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि विधानसभा परिसर के गेट पर रात के अंधेरे में खालिस्तान के झंडे लगाने वाली कायरतापूर्ण घटना की मैं निंदा करता हूं। इस विधानसभा में केवल शीतकालीन सत्र ही होता है। इसलिए यहां अधिक सुरक्षा व्यवस्था की आवश्यकता उसी दौरान रहती है।
इसी का फायदा उठाकर कायरतापूर्ण घटना को अंजाम दिया गया है, लेकिन हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। इस घटना की त्वरित जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।