शिमला, 8 मई : हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में पुलिस आरक्षी भर्ती की लिखित परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने का मामला राष्ट्रीय पटल पर भी चर्चा में है। हालांकि, पुलिस मुख्यालय (Police Headquarters) द्वारा पहले ही एसआईटी (SIT) का गठन किया जा चुका है, लेकिन अब सीआईडी (CID) के भराड़ी थाना में भी आईपीसी की धारा-420 व 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
हालांकि, आधिकारिक तौर पर पुलिस मुख्यालय ने सीआईडी द्वारा मामला दर्ज करने की ही पुष्टि की है, लेकिन बताया जा रहा है कि दूसरी एफआईआर के पीछे एक मकसद है। इसके मुताबिक अगर प्रदेश के अन्य हिस्सों से भी प्रश्नपत्र लीक (question paper leak) होने की जानकारी सामने आएगी तो ये सीआईडी की जांच के दायरे में आएगा।
चूंकि सीआईडी (CID) के थाने का दायरा समूचे प्रदेश में है, लिहाजा सीआईडी को भी जांच में शामिल कर लिया गया है। उल्लेखनीय है कि प्रश्नपत्र लीक होने के तार उना से भी जुड़े हैं। इसके अलावा सिरमौर (Sirmour) में भी पेपर लीक होने की आशंका जाहिर की जा रही है।
सीआईडी में ये मामला, शनिवार को दर्ज किया गया है। कांगड़ा के गग्गल पुलिस थाना में प्रश्नपत्र लीक होने का मामला 5 मई को दर्ज किया गया था। इसमें तीन गिरफ्तारियां हुई हैं। आरोपियों की पहचान नूरपुर तहसील के रहने वाले पवन कुमार पुत्र लाल चंद, विशाल पुत्र पवन कुमार व फतेहपुर तहसील के रहने वाले नितेश कुमार पुत्र राम सिंह के तौर पर की गई है। ये भी बताया जा रहा है कि दो आरोपी भूमिगत हैं।
इस घटनाक्रम में अहम बात ये है कि संदेह के घेरे में भी पुलिस ही है, जांच भी पुलिस ही कर रही है। मीडिया रिपोर्टस की मानें तो प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में लगभग 1000 अभ्यर्थियों तक प्रश्नपत्र पहुंचा था। प्रश्नपत्र लीक होने की आशंका उसी समय पैदा हो गई थी, जब जांच को लेकर अभ्यर्थियों की चैट वायरल हो रही थी।
गौरतलब है कि चैट वायरल (chat viral) होने के मामले में भी सोलन के दाड़लाघाट में एफआईआर दर्ज की गई थी। हिमाचल में पुलिस आरक्षी के 1334 पदों को लेकर शारीरिक परीक्षा (Physical Test) के बाद लिखित परीक्षा का आयोजन 27 मार्च को किया गया था। इस परीक्षा में लगभग 74 हजार अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था।