नाहन, 3 अप्रैल : शहर में एक सरकारी कर्मचारी द्वारा मृत मां की तीन साल तक पेंशन डकारने का मामला सामने आया है। जिला कोषाधिकारी की शिकायत पर पशुपालन विभाग के उपनिदेशक कार्यालय में तैनात अधीक्षक संजय सोढ़ी के खिलाफ आईपीसी की धारा-420, 468 व 471 के तहत पुलिस ने दर्ज किया है।
जिला कोषाधिकारी ने पुलिस को सौंपी शिकायत में कहा कि स्व. मीना देवी द्वारा पंजाब नेशनल बैंक के माध्यम से पेंशन ली जा रही थी। अगस्त 2021 में पेंशन खाते में क्रेडिट नहीं हुई। इसी बीच पीएनबी की शिमला शाखा ने कार्यालय को बैंकर चैक प्रेषित किया।
इसके बाद जब बैंक को संपर्क किया गया तो बैंक ने सूचित किया कि मीना देवी की मृत्यु 5 अक्तूबर 2018 को हो चुकी है। जांच में पता चला कि पेंशनधारी महिला के फर्जी लाइफ सर्टिफिकेट को कार्यालय में प्रस्तुत किया जा रहा था। इसी के आधार पर पेंशन जारी हो रही थी।
इसके बाद जिला कोषाधिकारी कार्यालय ने इस मामले को पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक के समक्ष भी उठाया। दो जनवरी 2020 को सत्यापित किए गए लाइफ सर्टिफिकेट के बारे में सहायक निदेशक ने अवगत करवाया कि इस तरह का कोई भी प्रमाणपत्र सत्यापित नहीं किया गया है।
इसी तरह से 7 जुलाई 2021 को लाइफ सर्टिफिकेट सत्यापित करने वाले अधिकारी से भी जिला कोषाधिकारी कार्यालय ने संपर्क किया तो भी सत्यापन से इंकार किया गया। इसके बाद समूचे घटनाक्रम से ट्रेजरी, अकाउंटस व लॉटरीज निदेशक को अवगत करवाया गया। वहां से इस मामले में एफआईआर दर्ज करवाने के निर्देश दिए गए।
उधर, सूत्रों ने बताया कि मामला दर्ज करने से पहले पुलिस ने शुरुआती जांच भी की। जिला कोषाधिकारी राकेश ठाकुर से सरसरी तौर पर पूछताछ की गई। इसमें पता चला कि संजय सोढ़ी ने पेंशनभोगी माता की 2018 में मृत्यु के बाद भी 2021 तक जीवित होने का प्रमाणपत्र देकर पेंशन हासिल की। मरणोपरांत तब तक पेंशन जारी करवाई जाती रही, जब तक मामला सतह पर नहीं आया।
हालांकि, बताया ये भी जा रहा है कि 3,37,509 रुपए की राशि ट्रेजरी में जमा भी करवाई जा चुकी है। लेकिन ये स्पष्ट नहीं हुआ है कि धोखे से हासिल की गई पूरी राशि जमा करवा दी गई है या नहीं।